Moradabad News: मुरादाबाद से भी जुड़े धान खरीद घोटाले के तार, रात से कर रही CBI छापेमारी

Moradabad News: सीबीआई की टीम ने कुंदरकी निवासी मुख्य आरोपी और उसके भाई समेत पांच को हिरासत में ले लिया, जिन्हे सीबीआई टीम लेकर दिल्ली चली गई।

Sudhir Goyal
Published on: 10 April 2025 1:17 PM IST
Moradabad News: मुरादाबाद से भी जुड़े धान खरीद घोटाले के तार, रात से कर रही CBI छापेमारी
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मुरादाबाद से भी जुड़े धान खरीद घोटाले के तार, रात से कर रही CBI छापेमारी   (photo: social media )

Moradabad News: मुरादाबाद से भी जुड़े हुए है बिहार में करीब 97 करोड़ के हुए धान खरीद घोटाले के तार। मुरादाबाद और उसके आस-पास जिलों से जुड़े होने के शक में रात से कर रही है सीबीआइ छापेमारी । मुख्य आरोपी अभी तक पकड़ा नहीं जा सका। सीबीआई की टीम ने कुंदरकी निवासी मुख्य आरोपी और उसके भाई समेत पांच को हिरासत में ले लिया, जिन्हे सीबीआई टीम लेकर दिल्ली चली गई।

यह है पूरा मामला

आज से दो वर्ष पूर्व 2023 में बिहार से सस्ता धान लाकर यहां के सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचा गया। साथ ही धान की कुटाई कराकर चावल बनाने के बजाए सीधे सस्ता चावल भी खरीद लिया गया और धान की किसानों से खरीद दिखाई गई, इनमे उन किसानों को भी शामिल कर लिया गया जिसके पास जमीनें नहीं थीं। करीब 97 करोड़ के इस घोटाले में मुरादाबाद का रहने वाल अर्पण मास्टर माइंड बताया जाता जा रहा है।

घोटाले का मुख्य अभियुक अभी तक सीबीआइ के हत्थे नहीं चढ़ा परन्तु आरोपी अर्पण के पिता रामपाल सिंह, अर्पण का एक साथी विशाल और आरोपी का भाई राकी तथा गांव के मदन सिंह को सीबीआइ ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। संभल से विकास और उसके बहनोई राज को सीबीआइ टीम अपने साथ दिल्ली ले गई।

इस बाबत एसएसपी मुरादाबाद में सतपाल अंतिल ने बताया कि कुंदरकी क्षेत्र के अब्दुल्लापुर गांव में कल सीबीआइ टीम आई थी। शाम को टीम ने पुलिस फोर्स की मांग की थी, जो मैने उपलब्ध करवा दिया।

इस प्रकार से किया गया हे घोटाला

केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क्रय केंद्रों के माध्यम से धान खरीद करवाती है। इसके बाद राइस मिलर्स को धान से चावल निकलवाने के लिए 20 रुपये प्रति क्विंटल तक कुटाई देती है। बिहार व अन्य राज्यों से माफिया नकद भुगतान कर धान और चावल को सस्ते दाम पर खरीदकर लाए थे। कागजों में इसे दिल्ली ले जाना बताया गया। मगर मुरादाबाद, रामपुर, संभल और बिजनौर आदि जिलों में इसे उतार दिया गया।

किसानों को भी मिला कमीशन

यहां बता दें कि सरकारी क्रय केंदों पर धान की बिक्री किसान के नाम होती है। इसलिए किसानों को कमीशन देकर उनके नाम से खरीद दिखा दी गई। भुगतान होने पर कमीशन काटकर अपनी धनराशि खातों से निकाल ली गई। इसी तरह चावल को सीधे राइस मिलर्स के माध्यम से खपाया गया। इस पूरे मामले में केंद्र प्रभारी से लेकर खरीद से जुड़े अन्य अधिकारी भी लिप्त रहे थे। कई ऐसे लोगों के भी खाते भी खुलवा दिये गये जिनके नाम कृषि भूमि में नहीं। महमूदपुर माफी से राज को सीबीआई टीम ने हिरासत में लिया, उसके साले विकास को संभल से दबोचा। विकास जींस फैक्ट्री में काम करता है। बताया जाता है कि अर्पण को पूर्व में एक अन्य मामले में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। वह जमानत पर है।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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