Moradabad News: ई रिक्शा बनी बड़ी समस्या, हर चौराहे पर लग रहा जाम

Moradabad News: ई-रिक्शा अब आम जनमानस के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं। लगातार लग रहे जाम पर किसी बड़े अधिकारी का कोई ध्यान नहीं है।

Sudhir Goyal
Published on: 27 July 2024 4:25 AM GMT
Moradabad News
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Moradabad News (Pic: Social Media)

Moradabad News: कोरोना काल के बाद बैटरी रिक्शे के रूप में एक नया रोज़गार मिला। जिसके ज़रिये चालक अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। आपको बताते चलें कि लोगों को नया रोज़गार देने वाले ई-रिक्शों के संचालन से जनता को सहूलियत तो मिली परन्तु इस वक़्त यही ई-रिक्शा सड़कों पर मुसीबत बनकर दौड़ रही है। यातायात पुलिस के द्वारा पंजीकरण कर इनके रूट भी तय कर दिए गए परन्तु फिर भी इनकी चाल रूट से हट जाती है, जोकि जाम का बड़ा कारण है।

जगह-जगह लग रहा जाम

सुबह से शाम तक ई-रिक्शा का एक बड़ा मकड़जाल संभल चौराहे, पीर का बाज़ार, मंदिर वाली गली, गलशहीद चौराहा, इंद्रा चौक चौराहा, अमरोहा गेट आदि जैसे न जाने कितने चौराहों पर बिछ जाता है। जिसके कारण राहगीरों को रास्ता तय करने में काफ़ी दिक्कत होती है। अगर इनसे हटने को कहते हैं तो यह झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। ई-रिक्शा की वजह से हालात इतने खराब हैं कि संकरे इलाके व गलियों में भी ई-रिक्शा निकालने के दौरान एक साइकिल निकालने की भी जगह नहीं बचती है। इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है। जिले की तमाम गलियों में जाम लग रहा है।

नशे में धुत लोग चला रहे ई-रिक्शा

शहर में सवारियों के इंतजार में जाम लगाने के अलावा ओवरलोड और हाईस्पीड दौड़ते ई-रिक्शा कई बार पलटकर सवारियों को चोटिल भी कर देते हैं। लोग पैसा लगाकर ई-रिक्शा निकाल लेते हैं। फिर उसे मुनाफा कमाने के लिए किसी भी हाथो में थमा देते हैं। वो नाबालिग हो, नशेबाज हो या कोई अपराधी उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें तो सिर्फ अपनी कमाई से मतलब है। अब सवाल ये उठता है की लगभग सभी चौराहों पर तैनात पुलिस के कर्मचारियों की नशे में ई-रिक्शा चलाने वालों पर नज़र नहीं पड़ती है और न ही परिवहन विभाग कोई कार्यवाई करता है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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