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Moradabad News: लेखपाल ने 8 वर्षों में 13 करोड़ से जायदा की प्रॉपर्टी खरीद ली, जांच में हुआ भ्रष्टाचार का खुलासा

Moradabad News: मुरादाबाद जिले के तहसील बिलारी में तैनात चर्चित लेखपाल है, जिनका नाम तैहर सिंह है। जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के बहुत आरोप लगे।

Sudhir Goyal
Published on: 27 March 2025 4:46 PM IST
Moradabad News: लेखपाल ने 8 वर्षों में 13 करोड़ से जायदा की प्रॉपर्टी खरीद ली, जांच में हुआ भ्रष्टाचार का खुलासा
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लेखपाल ने 8 वर्षों में 13 करोड़ से जायदा की प्रॉपर्टी खरीद ली   (photo: social media )

Moradabad News: मुरादाबाद की बिलारी तहसील में तैनात लेखपाल की कहानी उसकी जुवानी। लेखपाल का कहना है में हूं सबसे भ्रष्ट सबको मालूम है। मेरा नाम तैहर सिंह, लेखपाल, तैनाती ग्राम फरीदपुर हमीर एवं ग्राम मोहम्मदपुर बस्तौर, तहसील बिलारी, जिला मुरादाबाद और अधिक मेरे बारे में जानकारी करनी हे तो भ्रष्टाचार इंस्पेक्टर भदौरिया से पूछ लो, ये कहना हे बिलारी के लेखपाल का।

पूरा मामला ये है

मुरादाबाद जिले के तहसील बिलारी में तैनात चर्चित लेखपाल है, जिनका नाम तैहर सिंह है। जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के बहुत आरोप लगे। जिन पर जमीन कब्जाने से लेकर खुल्लम खुल्ला रिश्वत लेने तक का भी आरोप है। यही नहीं किसी की जमीन किसी के भी नाम दर्शा देने की कला में यह माहिर हैं और ओवरलिपिंग का काम उनके द्वारा जबर्दस्त किया जाता है। उसके बारे में कहा जाता है कि उनके ऊपर किसी अधिकारी के दबाव का कोई असर नहीं पड़ता है। कमिश्नर ने भी कई बार जांच के आदेश दिए लेकिन कुछ नहीं हुआ।

मुरादाबाद जिले के बिलारी तहसील के ग्राम फरीदपुर हमीर एवं ग्राम मोहम्मदपुर बस्तौर में तैनात लेखपाल तैहर सिंह ने जब इतनी संपदा अपने लिये जुटाई तो तहसील के बड़े साहब की कितनी कमाई कराई होगी। बेहतर तो वही बता सकते हैं। मगर स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके भ्रष्टाचार की वजह से क्षेत्र में उनको लोग 1 नंबरी के नाम से जानते हैं। जो काम कोई लेखपाल ना कर सके, वह यह कर देवे है। लोगों ने बताया कि यह सब जगह पैसे का चढ़ावा चढ़ा देता है। इसलिए इसका कुछ नहीं होता है।

क्या कहता हे लेख पाल

मुझे कोई परवाह नहीं है कौन क्या कहता है और लोगों ने गलत रिपोर्ट लगाई है। मुरादाबाद को भले ही विदेशों में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है, परन्तु प्रशासनिक अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए मुरादाबाद किसी सोने की खान से कम नहीं है। बताते है ऐसे ही एक सरकारी कर्मचारी की। बिलारी तहसील में तैनात ये अकेले ऐसे लेखपाल हैं जिसने केवल आठ साल की नौकरी में करीब साढ़े 13 करोड़ से भी जायदा की प्रॉपर्टी खरीद डाली। जबकि उसे 8 वर्षों में अधिकतम जो तनख्वाह मिली होगी वह 48 लाख रुपए। इस 48 लख रुपए में से करीब 80 % उसका खाना खर्चा और परिवार की जिम्मेदारी उठाने में चला गया होगा। इससे ये जाहिर होता है कि मुरादाबाद की अफसरशाही पीतल नगरी में नहीं बल्कि सोने की खान में बैठे हैं। क्योंकि जब अदना सा कर्मचारी लेखपाल 8 साल में साढ़े 13 करोड़ की बचत कर सकता है। बड़े-बड़े डिपार्टमेंट है जैसे एमडीए, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जलकल, पूर्ति विभाग, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, विकास भवन, शिक्षा विभाग इत्यादि विभागों के मुखिया की कितनी इनकम होगी, जो सोने के खदान वाले जिले पर हुकूमत कर रहे हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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