Moradabad News : सीएल गुप्ता के ठिकानों पर तीसरे दिन भी जारी रही आईटी की छापेमारी

Moradabad News : मुरादाबाद के मशहूर हस्त शिल्प निर्यातक सीएल गुप्ता के 12 से अधिक ठिकानों पर तथा उनके रिश्तेदार और कर्मचारियों के घर भी आयकर की जांच अभी तक चल रही है।

Sudhir Goyal
Published on: 30 May 2024 3:33 PM GMT
Moradabad News : सीएल गुप्ता के ठिकानों पर तीसरे दिन भी जारी रही आईटी की छापेमारी
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Moradabad News : मुरादाबाद के मशहूर हस्त शिल्प निर्यातक सीएल गुप्ता के 12 से अधिक ठिकानों पर तथा उनके रिश्तेदार और कर्मचारियों के घर भी आयकर की जांच अभी तक चल रही है। देश के दूसरे सबसे बड़े हस्त शिल्प निर्माता सीएल गुप्ता के ठिकानों पर आयकर विभाग 60 घंटों तक चली छापेमारी के बाद आज तीसरे दिन भी जारी रही। स्कैनर और नोट गिनने की मशीनों को लेकर विभाग की एक टीम ने सीएल गुप्ता के आवास पर प्रवेश किया। बता दें कि सीएल गुप्त एंड सस का कारोबार दिल्ली, मुंबई, नोएडा कोलकता के अलावा विदेशों में भी फैला हुआ है।

आयकर विभाग की लगभग 15 से 17 लोगों की टीम ने सीएल गुप्ता एंड संस के करीब 12 ठिकानों पर एक साथ मंगलवार की सुबह 5 बजे छापेमारी शुरू की थी। सीएल गुप्ता के रिश्तेदार, बिजनेस या किसी भी तरह से कोई संपर्क रहा है, तो आयकर ने उसको भी लपेटे में लेकर छापेमारी की। आयकर विभाग ने डेलमार एक्सपोर्ट कम्पनी व डॉक्टर सचदेवा के निवास पर भी छापा डाला था।

सीएल गुप्ता के लिए ही काम करती है डेलमार

सूत्रों के मुताबिक, डेल्मार एक्सपोर्ट कम्पनी डॉक्टर इंदरजीत सचदेवा के बेटे की है। ये कम्पनी सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट के लिए ही जॉब वर्क का कार्य करती है। शहर के निर्यातकों में चर्चा ये भी है कि हाल ही में सीएल गुप्ता एंड संस, डेलमार कम्पनी को टेकओवर कर रही थी। इसलिए आयकर विभाग की टीम सचदेवा नर्सिंग होम और अन्य कई ठिकानों पर छापेमारी करके एकाउंट्स खंगाल रही है। आयकर विभाग ने सीएल गुप्ता के एकाउंट्स देखने वाले कर्मचारियों के घर भी कार्रवाई की है और इनके भी एकाउंट्स चेक किए जा रहे हैं।

विवादों में आई हॉस्पिटल

सीएल गुप्ता एंड संस, सीएल गुप्ता आई इंस्टीट्यूट शुरू से ही विवादों में घिरा रहा है। आई हॉस्पिटल को सीएल गुप्ता की फैमिली, पारिवारिक चेरिटेबल कहती हैं, लेकिन सभी कार्य सामान्य हॉस्पिटल की तरह ही होते हैं और एकाउंट्स भी गुप्ता परिवार ही हैंडल करता है। सीएल गुप्ता आई हॉस्पिटल पर आरोप है कि इसमें आंखे दान करने वालों का तो ब्योरा है, परन्तु ये आंखे किसे लगाई गई हैं, इसका ब्योरा अस्पताल के पास मौजूद नहीं है। कहीं अस्पताल आंखों को दान में लेकर, इसका विदेशी में व्यापार तो नहीं करता है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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