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Moradabad News : मुरादाबाद इमामबाड़ा प्रबंधन ने रातोंरात कराया अवैध निर्माण, प्राधिकरण को नहीं लगी भनक

Moradabad News : मुरादाबाद जनपद में वक्फ प्रबंधन के नाम पर मुतवल्ली वक्फ की संपत्तियों को हेरा-फेरी करके चांदी काट रहे हैं। चंद रुपयों की रसीद काट कर अवैध तरीके से दुकानदारों से मोटी रकम लेकर अपनी जेब भरने का धंधा लंबे समय से करते चले आ रहे है।

Sudhir Goyal
Published on: 22 May 2024 9:07 PM IST (Updated on: 23 May 2024 7:10 PM IST)
Moradabad News : मुरादाबाद इमामबाड़ा प्रबंधन ने रातोंरात कराया अवैध निर्माण, प्राधिकरण को नहीं लगी भनक
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Moradabad News : प्रदेश के मुरादाबाद के अतिव्यस्ततम क्षेत्र चमक का पुल स्थित इमामबाड़ा प्रबंधन ने रातोंरात अवैध निर्माण कर लिया। लगभग 150 गज की जगह पर शनिवार रात डाला गया लिंटेर, परन्तु मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता और सुपरवाइजर को भनक तक नहीं लगी। इमामबाड़े की ज्यादातर दुकानें अवैध रूप से निर्मित की गई हैं। वक्फ प्रबंधन के नाम पर मुतवल्ली वक्फ की संपत्तियों को हेरा-फेरी करके चांदी काट रहे हैं। चंद रुपयों की रसीद काट कर अवैध तरीके से दुकानदारों से मोटी रकम लेकर अपनी जेब भरने का धंधा लंबे समय से करते चले आ रहे है। वक्फ की संपत्तियों पर बिना नक्शा स्वीकृति कराए दुकानों का अवैध निर्माण कर उन्हें लीज पर देने का धंधा जोरों पर है।

एक ऐसा ही मामला महानगर में प्रकाश में आया है। चमक के पुल स्थित इमामबाड़े में लगभग डेढ़ सौ गज जगह पर पहली मंजिल पर बिना मुरादाबाद विकास प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत कराए एक बड़ी छत डाल दी गई है। आश्चर्य की बात यह है कि क्षेत्र के अवर अभियंता और सुपरवाइजर को इसकी भनक तक नहीं लगी। सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले भी इसी जगह पर ग्राउंड फ्लोर पर भी बिना नक्शा स्वीकृत कराए पूर्व में एक छत डाली जा चुकी है।

सरकारी राजस्व की चोरी करने का आरोप

क्षेत्रवासियों के मुताबिक, लगभग इसी तर्ज पर इमामबाड़े की ज्यादातर दुकानों का अवैध रूप से निर्माण कर उन्हें मामूली किराए पर लोगों को दे दिया गया है और नंबर दो में इमामबाड़ा प्रबंधन ने प्रत्येक दुकानदार से मोटी रकम वसूली है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि लगभग इसी तर्ज पर बिना नक्शा स्वीकृति के इमामबाड़ा प्रबंधन ने ज्यादातर दुकानों का निर्माण कराकर सरकारी राजस्व की करोड़ों रुपए की चोरी की है।

बता दें कि वक्फ की संपत्तियों को औने-पौने दाम पर बेचने और इस तरह की लगातार बढ़ती शिकायतों से अजिज आकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को पूर्व में वक्फ सम्पत्तियों को लेकर खेले जाने वाले खेल की सीबीआई जांच की सिफारिश तक करनी पड़ी थी। सरकार को ऐसा करने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वक्फ अधिनियम-1995 के तहत वक्फ सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त प्रतिबंधित है।

वक्फ सम्पत्तियों पर बढ़ रहे अवैध निर्माण

वक्फ सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द करने का खेल कितने बड़े पैमाने पर खेला जाता है, इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि मेरठ के अब्दुल्लापुर में सैयद मोहम्मद वक्फ की करीब 10 बीघा जमीन बड़े शराब निर्माता विजय माल्या की कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स प्राइवेट लि. ने खरीदकर शराब की फैक्ट्री लगा ली थी और किसी को कानों कान खबर नहीं हुई। बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

उत्तर प्रदेश में कुल 1,22,839 वक्फ संपत्तियां हैं। इनमें ज्यादातर पर अवैध कब्जे और अवैध निर्माण बढ़ते ही जा रहे हैं। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधक (मुतवल्ली) ही जमीनों को बेचकर अवैध कब्जे और अवैध निर्माण करवा रहे हैं और वक्फ माफिया बन गए हैं। वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटाने के लिए वक्फ अधिनियम की धारा 54, 55 में व्यवस्था दी गई है। इनमें अस्थायी प्रकृति के अतिक्रमण को ही जिला प्रशासन हटवाता है। अधिनियम में व्यवस्था न होने के कारण स्थायी अतिक्रमण करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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