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Moradabad News: रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या का पुलिस ने किया पर्दाफाश, चार आरोपियों को भेजा जेल
Moradabad News: वीरसिंह द्वारा अपनी शिकायत से परेशान मनोज ने वीरबाला यादव से वीरसिंह को मिलवाया और बीरबाला यादव के संबंध मृतक रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीर सिंह से करा दिये थे।
Moradabad News: मुरादाबाद के थाना मझोला क्षेत्र के गागन बाली पुलिया के पास रिटायर्ड बैंक मैनेजर की 10 दिन पूर्व लाश मिलने की गुत्थी का आज मझोला पुलिस ने पर्दाफाश कर चार आरोपियों को जेल भेज दिया है। थाना मझोला क्षेत्र में महानगर के मानसरोवर कालोनी निवासी रिटायर्ड बैंक प्रबंधक वीरसिंह की लाश लगभग 10 दिन पूर्व थाना मैनाठेर क्षेत्र में गांगन की पुलिया के पास 18 अगस्त को उनकी बाइक के साथ पड़ी मिली थी।
बता दें कि पहली नजर में देखने में मामला सड़क दुर्घटना का लग रहा था, परन्तु पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला पलट गया। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीरसिंह की हत्या का कारण गला घुटना बताया गया।
लेकिन जब पूरी जानकारी पुलिस के सामने आयी तो पुलिस ने अपना खुफिया तंत्र एक्टिव कर हत्या के पीछे के राज तक पहुंचने के लिए जाल बिछाया और अपराधी फैंसते चले गए, आखिर लगभग 10 दिन बाद पुलिस ने इस मामले में मनोज कुमार पुत्र इंद्रपाल सिंह निवासी शाहपुर तिगरी, अनिल गुप्ता पुत्र राजेंद्र गुप्ता निवासी डबल स्टोरी एमडीए, वीरबाला यादव पत्नी सत्यभान यादव सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
मझोला पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई कार समेत एक आला कत्ल रस्सी तथा कुछ अन्य सामान भी बरामद कर लिया है। मझोला पुलिस ने तीनों को अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें अदालत ने जेल भेज दिया है।
आरोपी मनोज प्रथमा बैंक में मौजूदा वक्त में अमरोहा के पवसरा शाखा में तैनात है। तथा गिरफ्तार वीरबाला शिक्षिका है। जिसने अपना जुर्म भी कबूल किया है।
ऐसे हुई थी हत्या की साजिश
प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से एसपी ग्रामीण संदीप कुमार मीणा ने हत्या की जानकारी देते हुए बताया कि "आरोपी मनोज की पोस्टिंग एक समय में वी सिंह के साथ रही थी इसलिए दोनों एक-दूसरे को जानते थे। मृतक वीर सिंह ने किसी के ऋण की फाइल जमा की थी जिसपर मनोज बार-बार आपत्ति लगा देता था। वीरसिंह ने मनोज की इस बात की शिकायत उच्चाधिकारियों से कर दी थी। जिसकी जांच में मनोज कुमार फंसा हुआ है उस पर सस्पेंस की तलवार लटकी हुई है।
एसपी देहात संदीप मीणा के अनुसार मनोज के वीरबाला यादव से एक ऋण के मामले को लेकर नाजायज संबंध हो गए थे और दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे।
वीरसिंह द्वारा अपनी शिकायत से परेशान मनोज ने वीरसिंह की हत्या की साजिश रची और वीरबाला यादव से वीरसिंह को मिलवायाऔर बीरबाला यादव के संबंध मृतक रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीर सिंह से करा दिये थे। प्लानिंग के तहत वीरबाला यादव एमडीए आफिस के पास वीरसिंह को मिली और बाइक पर बैठकर पहले से तयशुदा रास्ते पर ले गई।
उसी समय मनोज अपने साथ अनिल को लेकर कार से उसका पीछा करता रहा। मौका पाकर बाइपास के पास कार जाकर बाइक रोकी और तीनों ने वीर सिंह का गला घोंटकर हत्या कर दी तथा शव को सड़क से नीचे डाल दिया और उसकी बाइक भी वही एक तरफ गिरा दी।
एसपी देहात ने बताया कि हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने इस हत्या का खुलासा करने में लगभग छह सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक किए थे। कुछ सीसीटीवी फुटेज ऐसे थे जिससे पुलिस को बड़ी सफलता मिली। आरोपी टोल टैक्स के कैमरे में भी फंस गए थे। एसपी देहात संदीप मीणा ने कहा कि आरोपियों ने जुर्म करना कुबूल कर लिया है।
कहा जाता है कि अपराधी कितना भी चालक हो और कितनी भी चालाकी से अपराध करे, परन्तु जब पुलिस अपना जाल बिछाती है तो बड़े से बड़े अपराधी फंस ही जाते हैं वही आज मुरादाबाद पुलिस ने कर दिखाया।