Kota Suicide Case: यूपी के छात्र ने कोटा में किया सुसाइड, इंजीनियरिंग की कर रहा था तैयारी

Kota Suicide Case: सुसाइड करने वाले छात्र की पहचान मोहम्मद जैदी के रूप में हुई है। जैदी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला था और यहां इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था।

Krishna Chaudhary
Published on: 24 Jan 2024 4:12 AM GMT (Updated on: 24 Jan 2024 4:28 AM GMT)
Kota Suicide Case (Photo:Social Media)
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Kota Suicide Case (Photo:Social Media)

Kota Suicide Case. कोचिंग की फैक्ट्री कहे जाने वाले राजस्थान के कोटा शहर से एकबार फिर दुखद खबर आई है। एक और छात्र ने तनाव में आकर अपना जीवन खत्म कर लिया। सुसाइड करने वाले छात्र की पहचान मोहम्मद जैदी के रूप में हुई है। जैदी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला था और यहां इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। वह कोटा के जवाहरनगर इलाके के एक पीजी में रहता था, जहां मंगलवार रात उसने अपनी जान दे दी।

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जैदी को एमबीबीएस अस्पताल ले गई। जहां डॉक्टरों ने शुरूआती जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। छात्र के डेडबॉडी को एमबीबीएस अस्पताल के ही शवगृह में रखा गया है। परिजनों को घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है। उनके आने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा और फिर बॉडी उन्हें सौंप दी जाएगी।

फांसी लगाने की आशंका

इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे जैदी के फांसी लगाने की आशंका है। हालांकि, पुलिस इस बारे में ज्यादा कुछ बताने से बच रही है। घटना के वक्त कमरे में छात्र अकेले था। पुलिस ने उसके रूम की तलाश भी ली है। फिलहाल कोई सुसाइड लेटर जैसा कुछ बरामद नहीं हुआ है। कोटा पुलिस का कहना है कि छात्र के दोस्तों और वह जिस कोचिंग संस्थान में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था, वहां के शिक्षकों से पूछताछ की जाएगी।

इस साल की ये पहली घटना

कोटा में पिछले साल 28 स्टूडेंट्स ने तनाव में आकर आत्महत्या कर ली थी। जिस पर भारी हंगामा हुआ था और कोचिंग संस्थानों के तरीके की तीखी आलोचना हुई थी। सरकार पर उन पर नकेल कसने की मांग की जा रही थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक्शन लेते हुए शहर के सभी हॉस्टल्स और पीजी में सिलिंग फैन में ‘एंटी हैंगिग डिवाइस’ लगाने के आदेश दिए थे. इससे पंखे से भारी चीज लटकने से उसकी स्प्रिंग बाहर आ जाती है और उससे फांसी लगाने की संभावना खत्म हो जाती है। इस साल कोटा में सुसाइड की ये पहली घटना है। साफ है सरकार के इस कोशिश से भी इस तरह की दुखद घटनाएं थमती नजर नहीं आ रही हैं।

पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से कोचिंग संस्थानों के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन जारी किया गया था। जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों के कोचिंग में पढ़ने पर पाबंदी और छात्रों को तनावमुक्त वातावरण मुहैया कराने जैसे कई स्टूडेंट फ्रेंडली नियम शामिल थे। केंद्र ने साफ कर दिया था कि कोचिंग संस्थानों की निगरानी राज्य सरकार का काम है।

Krishna Chaudhary

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Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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