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Moradabad News: नाले के रूप में बह रही नदी बढ़ी गांव की ओर, मुरादाबाद में राम गंगा की सहायक नदी उफनाई

Moradabad News: राम गंगा की सहायक नदी कई सालों बाद अपने पूरे अस्तित्व में आ गई है। जिससे पुल की बराबर की मिट्टी के कटान के साथ नदी का रुख अब आसपास के गांवों की ओर है।

Sudhir Goyal
Published on: 22 Sept 2024 6:10 PM IST
Moradabad News ( Pic- Newstrack)
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Moradabad News ( Pic- Newstrack)

Moradabad News: मुरादाबाद जिले कि मुख्य नदी राम गंगा की सहायक नदी कई सालों बाद अपने पूरे अस्तित्व में आ गई है। जिससे पुल की बराबर की मिट्टी के कटान के साथ नदी का रुख अब आसपास के गांवों की ओर है। इससे किसानों की नींद उड़ गई है। कई सालों से यह नदी नाले के रूप में बह रही थी। जिसको देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने इसे सहायक नदी का नाम दिया था। क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है नदी पहले इसी मार्ग पर बहती थी।

नदी के कटान से किसानों को नुकसान का डर सता रहा है। खेतों में नदी का पानी बह रहा है। नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल के टूटे एप्रोच रोड को लोक निर्माण विभाग ने सही करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इस पुल से आने जाने वाले 20 से अधिक गांवों का संपर्क आपस में कट गया है। पुल की मरम्मत करने में समस्या की जानकारी विभाग के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर दी है।

लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड के जूनियर इंजीनियर जितेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग पिछले कई सालों से सहायक नदी के पुल में होने वाली क्षति को सही करा देता था। लेकिन अब सहायक नदी पर बने भीकनपुर पुल की एप्रोच को बाढ़ के तेज बहाव ने काट दिया था। पहले नदी पुल के नीचे होकर बह रही थी। लेकिन अब नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ने से जल का बहाव तेज है। इससे नदी का बहाव क्षेत्र बदलने के साथ क्षेत्रफल भी बढ़ गया है। इससे अब पुल की एप्रोच की मरम्मत या दोबारा नये सिरे से निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराना उचित नहीं है। क्योंकि विभाग के पास न उपकरण हैं और न ही पानी के बहते पुल की एप्रोच बनाना संभव है।

निर्माण खंड के जूनियर इंजीनियर ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में नदी के बहाव के बारे में व उस पर बने पुल की एप्रोच को सही करने में आने वाली परेशानियों को बता दिया है। अब लोक निर्माण विभाग पुल की एप्रोच को सही करने का कार्य नहीं कर पाएगा। इसके लिए बड़े प्रोजेक्ट के तरीके से कार्य किया जाना होगा। जिसके लिए सेतु निगम या किसी अन्य माध्यम से कराना ठीक रहेगा।



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Shalini Rai

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