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नंगे बदन और खुद को बेड़ियों में जकड़ कर भारत भ्रमण पर निकला ये युवा, जानिए पूरा मामला

Vijay Hindustani : लोकसभा चुनाव 2024 के बीच एक युवा अपने अलग अंदाज को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल, शामली के रहने वाले विजय हिन्दुस्तानी के दिल में आजादी के नायकों को लेकर एक अलग ही जज्बा दिखाई दे रहा है।

Sudhir Goyal
Published on: 13 April 2024 1:35 PM GMT (Updated on: 13 April 2024 1:36 PM GMT)
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नंगे बदन और खुद को बेड़ियों में जकड़ कर भारत भ्रमण पर निकला ये युवा (Photo - Newstrack)

Vijay Hindustani : लोकसभा चुनाव 2024 के बीच एक युवा अपने अलग अंदाज को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल, शामली के रहने वाले विजय हिन्दुस्तानी के दिल में आजादी के नायकों को लेकर एक अलग ही जज्बा दिखाई दे रहा है। वह अपने नंगे वदन पर शहीदों का नाम लिखकर और खुद को बेड़ियों से जकड़ कर आजादी के नायक भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर पदयात्रा पर निकल चुके हैं। उन्होंने मुरादाबाद डीएम के कार्यालय पहुंच कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा है।

विजय हिन्दुस्तानी ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाले हैं। उन्होंने शामली से पद यात्रा शुरू की थी और कई किलोमीटर का सफर करने के बाद यहां पहुंचे हैं। इसके बाद वह रामपुर के लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश की आजादी के लिए महज 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमने वाले शहीदे-आजम भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को आज तक शहीद का दर्ज नहीं मिला है, जो हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने देश में कई सरकारें बनीं, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

कानूनी दस्तावेजों में नहीं मिला शहीद का दर्जा

उन्होंने कहा कि कानूनी दस्तावेजों में उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है और दुर्भाग्य है कि इतिहास के पन्नों में उन्हें आतंकवादी लिखा गया है। इसीलिए वह भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग करते हुए भारत भ्रमण पर निकले हैं। उन्होंने कहा कि जब तक इन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा, तब तक वह इसी तरह से प्रदर्शन करते रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर आए दिन हमारे सैनिक शहीद हो जाते हैं, उन्हें हम सभी भूल जाते हैं। ऐसे में उन्हें भी याद रखा जाए और उन्हें भी शहीद दर्जा दिया जाए।

23 मार्च 1931 को हुई थी फांसी

बता दें कि देश की आजादी के लिए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए 23 मार्च सन् 1931 को हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। इन तीनों क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर शामली के विजय हिन्दुस्तानी भारत भ्रमण पर निकले हैं। नंगे बदन पर शहीदों का नाम लिखकर, खुद को बेड़ियों में कैद कर और हाथ में तिरंगा लेकर मुरादाबाद पहुंचे युवा विजय हिन्दुस्तानी को देखकर लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया। उन्हें जुनून को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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