'आधार कार्ड’ बना बच्‍चों के लिए सिरदर्द, अधिकारी बोले- सॉफ्टवेयर कर रहा दिक्‍कत

अगर आपने अब भी अपना या अपने बच्‍चें का आधार कार्ड नहीं बनवाया है तो तुरंत लाइन में लगकर इसे बनवा लीजिए। क्‍योंकि अब इसके बिना कोई काम नहीं होने वाला है। घर के जरूरी काम हो, सरकारी नौकरियों में आवेदन करना हो या बोर्ड एग्‍जाम देना हो। अब बिना आधार कुछ भी संभव नहीं होगा। इस सरकारी फरमान ने एक ओर जहां बच्‍चों का सरदर्द बढ़ा दिया है। वहीं इसे लागू करवाने में पैरेंट्स और अधिकारियों की भी सांसे फूलने लगी हैं।

priyankajoshi
Published on: 20 Nov 2017 8:08 AM GMT
आधार कार्ड’ बना बच्‍चों के लिए सिरदर्द, अधिकारी बोले- सॉफ्टवेयर कर रहा दिक्‍कत
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लखनऊ: अगर आपने अब भी अपना या अपने बच्‍चें का आधार कार्ड नहीं बनवाया है तो तुरंत लाइन में लगकर इसे बनवा लीजिए। क्‍योंकि अब इसके बिना कोई काम नहीं होने वाला है। घर के जरूरी काम हो, सरकारी नौकरियों में आवेदन करना हो या बोर्ड एग्‍जाम देना हो। अब बिना आधार कुछ भी संभव नहीं होगा। इस सरकारी फरमान ने एक ओर जहां बच्‍चों का सरदर्द बढ़ा दिया है। वहीं इसे लागू करवाने में पैरेंट्स और अधिकारियों की भी सांसे फूलने लगी हैं।

प्रदेश के 40 प्रतिशत बच्‍चे आधार से दूर

इलाहाबाद बोर्ड ने ताजा फरमान जारी करके कहा है कि अब बोर्ड एग्‍जाम में वही बच्‍चा परीक्षा केंद्र में घुस पाएगा जिसके पास आधार कार्ड होगा। लेकिन जब इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले स्‍टूडेंट्स का डाटाबेस चे‍क किया गया तो पता चला‍ कि परीक्षा के लिए रजिस्‍टर्ड 40 प्रतिशत बच्‍चों के पास आधार कार्ड ही नहीं है। ऐसे में आधार कार्ड की अनिवार्यता ने इन बच्‍चों और पैरेंट्स को सारा काम छोड़कर लाइन में लगकर आधार बनवाने को मजबूर कर दिया है। इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 67 लाख 29 हजार 540 स्‍टूडेंट्स रजिस्‍टर्ड हैं। इसमें से 37 लाख 12 हजार 508 ने हाईस्‍कूल की परीक्षा के लिए और 30 लाख 17 हजार 32 स्‍टूडेंट्स ने इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए रजिस्‍ट्रेशन करवाया है। इसमें से करीब 26 लाख 91 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं आधारविहीन हैं।

मिड डे मील पर लटकी तलवार

प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के सरकारी स्‍कूलों में आधार कार्ड वाले बच्‍चों को ही मिड डे मील देने का आदेश है। लेकिन अभी तक प्रदेश के एक करोड़ 53 लाख बच्‍चों में से 70 लाख बच्‍चों के पास आधार कार्ड नहीं है। राजधानी में भी 1800 बेसिक स्‍कूलों के 1 लाख 60 हजार बच्‍चों में से 15 हजार बच्‍चें आधार विहीन हैं।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी की मानें तो राज्‍य सरकार ने स्‍कूली बच्‍चों को आधार से लैस करने का काम उत्तर प्रदेश डेवलेपमेंट सिस्टम कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPDESCO) को दिया है। लेकिन वहां सॉफ्टवेयर की कुछ समस्‍या के चलते अभी शत प्रतिशत काम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सरकारी फरमान को पूरी तरह लागू करने में दिक्‍कत हो रही है। उम्‍मीद है जल्‍द ही ये काम पूरा होगा।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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