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Most Controversial Politicians: राहुल पर एक्शन के बाद क्या अब बंद होगी इन बयानवीरों की बोलती ?

Most Controversial Politicians: अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले नेताओं को राहुल गांधी के लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद क्या कोई सबक मिलेगा या फिर ऐसे ही अपने बयान को लेकर चर्चा में रहेंगे।

Ashish Pandey
Published on: 25 March 2023 1:46 PM GMT (Updated on: 25 March 2023 1:48 PM GMT)

Most Controversial Politicians: राहुल गांधी अपने दिए गए बयान से आज संसद की सदस्यता खो दिए हैं। दो साल पहले उन्होंने जो भाषण दिया था उस मामले में सूरत की कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई है। ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी ही अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे हैं। यहां कई ऐसे बयानवीर नेता हैं जो अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। वे कब कहां क्या बोल जाएं यह तो वही जानें? लेकिन उनके बयानों के बाद वे कई दिनों तक चर्चा में भी बने रहते हैं। हम यहां आपको कुछ ऐसे ही बयानवीर नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।

भाजपा नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा

अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले कर्नाटक के भाजपा नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने अजान को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। हाल ही में उन्होंने एक जनसभा के दौरान लाउडस्पीकर से अजान देने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि अल्लाह को याद करने के लिए माईक पर चिल्लाने की क्या जरूरत है।

ईश्वरप्पा ने मंगलुरू में बोलते हुए कहा कि मैं जहां भी जाता हूं यह(अजान) मेरे लिए सिरदर्द होता है। इस बयान के बाद विरोधियों ने जमकर बीजेपी पर निशाना साधा था।

स्वामी प्रसाद मौर्य

बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य भी किसी से पीछे नहीं हैं। उन्हें ने हाल ही में कहा था कि तुलसीदास की रामायण पर सरकार को रोक लगा देनी चाहिए। इस रामायण में दलितों और पिछड़ों का अपमान किया गया है। मौर्य ने कहा कि अगर सरकार इस ग्रंथ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है तो उन श्लोकों, दोहों और चैपाइयों को हटाया जाना चाहिए, जिनसे दलित समाज का अपमान होता है।

तुलसीदास द्वारा रचित रामायण में कई जगहों पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जिससे दलित समाज की भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने कहा कि जब तुलसीदास ने रामायण लिखी तो उसमें कहा गया कि नारी और शूद्रों को पढ़ने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। स्त्रियों और शूद्रों को पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजी हुकूमत ने दिया।

गिरिराज सिंह

भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने कुछ समय पहले नीतीश कुमार के अधिकारियों की ना सिर्फ जमकर क्लास ली, बल्कि लोगों को सिखाया की ये बात न सुने तो बांस से पिटाई करें।

दरअसल गिरिराज सिंह को एक सभा में एक व्यक्ति ने सीओ के गलती करने और बात नहीं सुनने की शिकायत की तो उन्होंने भरे मंच से कहा कि अगर कोई अधिकारी बात नहीं सुनें तो दोनों हाथ से बांस उठा कर उसकी पिटाई कर दें।

ओम प्रकाश राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने अलीगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार में आने के बाद वह ऐसा कानून बनाएंगे, जिसके तहत स्कूल नहीं भेजने वाले माता-पिता को जेल भेज दिया जाएगा।

यह वो नेता हैं, जिनकी छवि ऐसी है कि जो मुंह में आता है वह बोले देते हैं। इससे पहले भी वह कई विवादित बयान दे चुके हैं। यहां इनके ऐसे ही कुछ बयानों के बारे में जानते हैं।

निरहुआ को बोले नचनिया-बजनिया

एक चुनावी रैली में राजभर ने भाजपा नेता और भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ऊर्फ निरहुआ को नचनिया-बजनिया कह दिया। - जिन्ना को पीएम बनाते तो देश का बंटवारा नहीं होता
पत्रकारों के एक सवाल पर कुछ समय पहले उन्होंने बयान दिया था कि अगर आजादी के बाद जिन्ना को पीएम बना देते तो, देश का बंटवारा नहीं होता। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी खुद जिन्ना की तारीफ करते थे।

मोदी-योगी का जूता साफ करते हैं पिछड़ी जाति के नेता

मऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अखिलेश यादव 2022 में सपा की सरकार बनवाने के लिए अखिलेश को यहां लेकर आए हैं। हालांकि इस दौरान उनकी जुबान एकबार फिर फिसल गई। उन्होंने कहा कि भाजपा में जितने भी पिछड़ी जाति के नेता हैं, वह मोदी-योगी का जूता साफ करते हैं। उनके इस बयान को लेकर भी खूब बवाल मचा था।

केशव मौर्य

हाल ही में अपने एक ट्वीट से केशव मौर्य में कहा था कि अयोध्या काशी में मंदिर निर्माण जारी है, अब मथुरा की तैयारी है। इसके बाद डेप्युटी सीएम ने पिछली सरकार के कार्यकाल में खराब कानून-व्यवस्था के लिए अल्पसंख्यकों पर आरोप लगाते हुए लुंगी और जालीदार टोपी का बयान दिया था। कहा था कि योगी सरकार ने लुंगी और टोपी वाले गुंडों को करारा जवाब दिया है।

भाजपा नेताओं की पत्नियां घबराती हैं: मायावती

बसपा मुखिया मायावती ने भी पीएम मोदी पर ऐसा बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मुझे पता चला है कि भाजपा में खासकर विवाहित महिलाएं अपने पतियों को पीएम मोदी के करीब जाता देख घबरा जाती हैं। उनका कहना था कि उन महिलाओं को डर है कि कहीं पीएम मोदी उन्हें भी अपनी पत्नी की तरह अपने पतियों से अलग ना करवा दें।

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने तुलसीदास की रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला बताया था। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा था कि रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें हैं। इसको लेकर भाजपा और अन्य दलों ने जमकर हमला बोला था।
कुछ भी हो ये तो ऐसे नेता हैं जो अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो बार-बार ऐसे विवादित बयान देते हैं जिससे वे सुर्खियों में बने रहें। अब यहां यह सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी के बयान के बाद संसदी रद्द हो जाने से ये नेता सबक लेंगे या इनकी बयानबाजी यूंही चलती रहेगी।

Ashish Pandey

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