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कटे होंठ की वजह से देवरानी को दिया था बच्चा, ठीक होने पर मांग रही वापस
कानपुर: करीब पांच दशक पहले एक फिल्म आई थी 'मेरी सूरत तेरी आंखे' जिसमें एक डॉक्टर दंपत्ति अपने पैदा हुए बदसूरत बच्चे को अस्पताल में छोड़ चले जाते हैं जिसे एक मुसलमान गवैया पालता है। यहां भी मामला कुछ फिल्मी है। जन्म से ही बच्चे के होंठ और तालू कटे थे। मां बाप ने उसे रखने से इनकार कर दिया तब उसकी मां ने देवरानी से बच्चे को गोद ले लिया। बच्चे का नाम बडे़ प्यार से शिवम रखा ।
बच्चे को गोद लेने वाली मीरा ने निशुल्क ऑपरेशन करने वाली स्माइल ट्रेन नामक संस्था से लीलामणि अस्पताल में उसका आपरेशन कराया। पांच साल का शिवम सफल ऑपरेशन के बाद ठीक हो गया। उसने इस बच्चे को पांच साल पहले गोद लिया था। मीरा का कहना है की मेरी देवरानी नीलम इस बच्चे को फेंकने जा रही थी, क्योंकि बच्चे के जन्म से ही होठ और तालू कटे थे इसकी मां को लग रहा था यह बचेगा नहीं।
अब उसकी मां मांग रही अपना बच्चा
मीरा ने कहा कि स्माइल ट्रेन के कैंप में ऑपरेशन कराके शिवम को ठीक कराया। अब असली मां नीलम कह रही है मेरा बच्चा मुझे वापस दो। उसने अदालत में मेरे खिलाफ केस भी किया जबकि अदालत ने अभी बच्चे को मेरे पास ही रखने का आदेश दिया है ।
ऑपरेशन करने वाले डाक्टर ने कहा
ऑपरेशन करने वाले डाक्टर समीर सक्सेना का कहना है कि बच्चा काफी क्रिटिकल था ।इसके चार ऑपरेशन किये गए। अब जब बच्चा ठीक हो गया तो इसकी असली मां ने इसको लेने के लिए केस कर दिया ।उसको लगता है अब बच्चा ठीक है तो हमें मिल जाए ।
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