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एक साथ फांसी पर झूल गईं मां-बेटी, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
कानपुर में एक बेटा और एक बेटी वाले परिवार को लोग खुश किस्मत कहते हैं, लेकिन कानपुर देहात के अकबरपुर जैनपुर में ऐसा ही हंसता-खेलता परिवार पल भर में उजड़ गया।
कानपुर: कानपुर में एक बेटा और एक बेटी वाले परिवार को लोग खुश किस्मत कहते हैं, लेकिन कानपुर देहात के अकबरपुर जैनपुर में ऐसा ही हंसता-खेलता परिवार पल भर में उजड़ गया। घर में बेटे को कमरे में बंद करने के बाद मां-बेटी ने आमने सामने एक साथ फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। लोगों को जब घटना का पता चला तो हर जुबां से सिर्फ एक ही सवाल उठता रहा कि ऐसी क्या वजह थी जो ऐसा कदम उठा लिया।
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बेटे को कमरे में बंदकर उठाया आत्मघाती कदम
अकबरपुर के जैनपुर में विनोद कुमार, 42 वर्षीय पत्नी शशि, 11वीं की छात्रा 16 वर्षीय बेटी नेहा उर्फ आयुषी व बेटे विवेक के साथ मकान में रहता था और टेंपो चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहा था। गुरुवार की दोपहर विवेक कमरे में सो रहा था और विनोद बिजली का बिल जमा करने गए थे। सो रहे बेटे विवेक को कमरे में बाहर से कुंडी लगाकर बंद करने के बाद नेहा ने बरामदे और सामने कमरे में मां शशि ने रस्सी के फंदे से पंखे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। कुछ देर बाद विवेक की जागा और दरवाजा खोलने का प्रयास किया लेकिन खोल नहीं पाया। उसने खिड़की से झांका तो उसके होश उड़ गए। उसके शोर मचाने पर घर के पीछे ही रहने वाली ताई धनवती व पिता को फोन पर जानकारी दी।
सीढ़ी लगाकर मकान में घुसी पुलिस
विवक के आते ही घर में पड़ोसियों की भीड़ लग गई। सूचना पर पहुंची पुलिस मेन गेट बंद होने पर सीढ़ी लगाकर मकान में दाखिल हुई। इसके पुलिस ने दरवाजा खोलकर विवेक को बाहर निकाला और पूछताछ की। विनोद ने पुलिस को बताया कि बेटी की पढ़ाई व भविष्य को लेकर वह चिंतित रहते थे। इसपर उसे डांट देते थे और पत्नी शशि को भी उसका ख्याल रखने को लेकर कहने पर विवाद हो जाता था। थाना प्रभारी तुलसीराम पांडेय ने बताया कि पारिवारिक विवाद में मां-बेटी के खुदकशी करने की बात सामने आई है।
सुबह तक सब कुछ था सामान्य
विनोद कुमार ने बताया कि सुबह तक सब कुछ सामान्य था और कोई विवाद भी नहीं हुआ। दो बार चाय बनाकर पत्नी ने दी और बेटी से भी बात हुई पर पता नहीं था कि उनका डांटना हंसते खेलते परिवार को उजाड़ देगा।
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जान देने से पहले बंद किए तीन दरवाजे
फांसी लगाने से पहले पूरे मकान के तीन दरवाजे मां-बेटी ने बंद किए। मकान में कई किरायेदार हैं और कमरे भी बने हैं। सबसे पहले मुख्य गेट, इसके बाद बरामदे की तरफ आने वाले गेट व बेटे के कमरे के दरवाजे को बाहर से बंद किया। दोनों की मंशा थी कि कोई भी अंदर न आने पाए।
मनोज सिंह
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