×

एक मां का बलिदान! बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार से नहीं मिली कोई मदद, किडनी बेचने को तैयार महिला

ताजनगरी में एक महिला ने सोशल साईट फेसबुक पर अपनी किडनी बेचने का पोस्ट किया है। किडनी बेचना उसका शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। इसका करण और कुछ नहीं उसके बच्चों की पढ़ाई है।

tiwarishalini
Published on: 31 May 2017 1:17 PM IST
एक मां का बलिदान! बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार से नहीं मिली कोई मदद, किडनी बेचने को तैयार महिला
X

आगरा: ताजनगरी में एक महिला ने सोशल साईट फेसबुक पर अपनी किडनी बेचने का पोस्ट किया है। किडनी बेचना उसका शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। इसका करण और कुछ नहीं उसके बच्चों की पढ़ाई है। आगरा का ये परिवार नोटबंदी के बाद से दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। महिला के पति के बेरोजगार होने पर घर के लोगों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बहुत बड़ा मसला है। महिला ने सीएम और डीएम से आर्थिक मदद भी मांगी थी। मगर उधर से कोई जवाब नहीं आया। अब महिला ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपनी अर्जी लोगों तक पहुंचाई है।

नहीं काम आई 'बेटी पढाओ बेटी बचाओ' योजना

- बच्चो की फीस न जमा होने पर स्कूल से निकाल दिया गया।

- मां ने 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ की दलीले सुन कर अधिकारियों के चक्कर काटे पर सुनवाई नही हुई।

- अधिकारियों से हार कर बच्चो के भविष्य का हवाला लेकर लाचार मां मुख्यमंत्री के पास गयी तो उसे वहा से वापस जिलाधिकारी के पास भेज दिया गया।

- चक्कर पर चक्कर काट कर भी जब मासूम बच्चो की पढ़ाई की कोई जुगाड़ नही हो पाया तो महिला ने सोशल साईट पर अपनी किडनी बेचने का इश्तिहार डाल दिया।

मामला आगरा के थाना सदर निवासी आरती शर्मा का है|आरती का पति मनोज पहले रेडीमेड कपडे का काम करता था पर नवम्बर २०१६ में नोट बंदी के बाद व्यापार खत्म हो गया और कर्ज चढ़ गया|वर्तमान में मनोज मजदूरी कर परिवार का लालन पालन करता है और उसके हाथ में अब इतना ही पैसा आता है की वो उन्हें भोजन करवा सके।

ये है पूरा मामला:

- आरती के तीन लडकिया और एक लड़का है। वो अपने बच्चो को सीबीएसई स्कूल में पढ़ाना चाहती है।

- पहले उसके बच्चे सेंट मैरी स्कूल में पढ़ते थे पर फीस जमा न होने के कारण उन्हें निकाल दिया गया।

- समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से आरती को 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ'और शिक्षा के अधिकार की जानकारी हुई।

-उसे पता चला की सरकार गरीबो की मदद करती है। यह सोच कर आरती जिलाधिकारी के पास गुहार लगाने गयी तो उसे मना कर भगा दिया गया।

- तत्कालीन एडीएम सिटी ने कह दिया की औकात के हिसाब से बच्चो को पढ़ाओ।

-इसके बाद मुख्यमंत्री के आवास पर सुनवाई की बात उसे पता चली तो बीती 29 अप्रैल को वो 5 कालिदास मार्ग पर पहुँची और मुख्यमंत्री से गुहार लगाईं।

- यहां भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

इनसब से परेशान होकर महिला ने फेसबुक पर एक संस्था की अकाउंट पर खुद की किडनी बेचने के लिए इश्तिहार डलवा दिया। इश्तिहार की जानकारी शहर में आग की तरह फ़ैल गई |

क्या कहती है आरती ?

- आरती ने हमे बताया कि उसका मन है की उसके बच्चे सीबीएसई बोर्ड से पढ़े पर उसके पास पैसा नही है। लोन के लिए अप्लाई किया तो वहां भी घूस और प्रोपर्टी की गारंटी चाहिए थी। जिलाधिकारी ने भी कोई बात नहीं सुनी और मुख्यमंत्री के यहां भी कोई काम नही हुआ। ऐसे में विचार आया कि एक किडनी बिक जाने पर भी ज़िंदा रह सकती हूँ और दुनिया में कितने लोग ऐसे भी हैं जिन्हें जीने के लिए किडनी चाहिए और उनके पास पैसे बहुत हैं। इसलिए मैंने सोशल साईट पर अपनी किडनी बेचने का इश्तिहार दिया है। अगर किडनी बिक गई तो सरकार को टैक्स भी दे दूँगी। आज दलित की सुन ली जाती है पर ब्राह्मणों की कोई नही सुनता है।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story