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बेटी की लाश गोद में लिए पूरी रात बैठी रही मां, एम्बुलेंस वाले ने मांगे थे 2500 रुपए
बागपत: यूपी सरकार अपने शाषण को भले ही 'समाजवादी' कहती हो लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। कानपुर में एक पिता के अपने बेटे का शव ढोने के बाद अब अगली खबर मेरठ से है जहां एक मां को पूरी रात अपनी बेटी की लाश गोद में लिए अस्पताल के बाहर बैठे रहना पड़ा। कारण, वहां मौजूद एम्बुलेंस के ड्राइवरों ने उसे घर तक ले जाने के लिए 2500 रुपए मांगे थे, जो गरीब मां के पास नहीं थे। महिला का नाम इरफाना है बुखार से पीड़ित उसकी तीन वर्षीय बेटी की मौत हो गई थी।
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ये है मामला
-इरफाना बागपत जिले के गौरीपुर निवाड़ा की रहने वाली है।
-उसकी तीन साल की बेटी की मौत बुखार की वजह से हो गई थी।
-इरफाना की बेटी गुलनाज बीते एक महीने से वायरल से पीड़ित थी।
-स्थानीय डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए मेरठ रेफर कर दिया।
-इरफान का कहना है कि पहले तो अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे।
-कुछ देर बाद एक डॉक्टर आया तो उसने उन्हें खून लाने को कहा।
-लेकिन इरफाना पैसों की कमी के कारण उसने खून लाने में असमर्थता जताई।
-कुछ देर बाद इरफाना की बेटी ने दम तोड़ दिया।
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दो घंटों तक शव लिए भटकती रही
-करीब दो घंटे तक शव को हाथों में उठाए इरफाना सरकारी एंबुलेंस के लिए मिन्नत करती रही।
-एंबुलेंस संचालक ने दूसरे जिले से जुड़ा मामला होने के कारण ले जाने से इंकार कर दिया।
-इरफाना का आरोप है कि वह अस्पताल के डॉक्टरों से मिन्नतें करती रही।
-डॉक्टरों ने मदद करने की जगह उसे निजी एंबुलेंस से शव ले जाने की सलाह दी।
-निजी एंबुलेंस शव को ले जाने के लिए 2500 रुपए की मांग की।