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इन्वेस्टर्स के लिए ये ख़ास तैयारी, MoU मॉनिटरिंग सिस्टम ऐसे बनाएगा काम आसान
निवेश की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए स्थापित किए जाने वाला यह मानीटरिंग सिस्टम निवेशकों की सुविधाओं व आवश्यकताओं को चिन्हित करेगा। इसके साथ ही एक आनलाइन एमओयू ट्रैकिंग पोर्टल भी विकसित किया गया है,
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। यूपी सरकार ने निवेश के लिए प्रस्तावों की मानीटरिंग करने के लिए एक एमओयू मानीटरिंग सिस्टम की स्थापना का फैसला किया है। निवेश की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए स्थापित किए जाने वाला यह मानीटरिंग सिस्टम निवेशकों की सुविधाओं व आवश्यकताओं को चिन्हित करेगा। इसके साथ ही एक आनलाइन एमओयू ट्रैकिंग पोर्टल भी विकसित किया गया है, जो एमओयू ट्रैकिंग और मानीटरिंग सिस्टम के प्रबंधन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनायेगा।
यूपी में एमओयू ट्रैकिंग व माॅनीटरिंग सिस्टम की स्थापना
प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने निवेश सहमति पत्रों (एमओयू) के लिए मानीटरिंग सिस्टम के संबंध में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, कृषि उत्पादन आयुक्त, सभी अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव तथा सभी मण्डलायुक्तों को पत्र जारी कर कहा है कि सरकार की नीतियों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश शासन को देश-विदेश के निवेशकों को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए लगातार प्रस्ताव प्राप्त हो रहे है।
प्रबंधन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए बना एमओयू ट्रैकिंग पोर्टल
इन निवेश परियोजनाओं का अनुश्रवण और प्रभावी रूप से करने के लिए एक नये व प्रभावी एमओयू मानीटरिंग सिस्टम की स्थापना का निर्णय लिया गया है। परिपत्र में कहा गया है कि ग्राउण्ड ब्रेकिंग समारोहों में प्रारम्भ किए गए कुल 371 एमओयू क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं तथा बीती 17 मार्च तक इन 371 एमओयू में से 106 निवेश परियोजनाओं में वाणिज्यिक संचालन सफलतापूर्वक प्रारम्भ हो चुका है।
मुख्य सचिव ने शासन के अधिकारियों को भेजा परिपत्र
परिपत्र में कहा गया है कि निवेशकों के साथ हस्ताक्षरित होने वाले सारे एमओयू उनके क्षेत्र या सेक्टर के अनुसार संबंधित विभागों को आवंटित कर दिए जायेंगे। विभाग इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करेंगे। एमओयू ट्रैकिंग पोर्टल इन एमओयू के क्रियान्वयन की प्रक्रिया के टैªकिंग माध्यम के रूप में कार्य करेगा तथा इसके द्वारा निवेशकों की समस्याओं का निराकरण भी कराया जाएगा।
1 लाख करोड़ रुपये के निवेश पर बनाया जाएगा प्रोजेक्ट माॅनिटरिंग यूनिट
जिन विभागों के एमओयू में प्रस्तावित निवेश की कुल धनराशि 01 लाख करोड़ रुपये या एमओयू की संख्या 200 से अधिक होगी, उन विभागों में एमओयू के क्रियान्वयन के लिए एक प्रोजेक्ट माॅनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) की स्थापना की जायेगी तथा जिन विभागों से संबंधित एमओयू की संख्या अथवा प्रस्तावित निवेश की धनराशि 01 लाख करोड़ रुपये से कम होगी, उन विभागों में एमओयू अनुश्रवण प्रकोष्ठ स्थापित किये जायेंगे। संबंधित अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव या सचिव (प्रशासनिक प्रमुख) पीएमयू के अध्यक्ष होंगे।
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पीएमयू के सदस्य होंगे ये अधिकारी
पीएमयू के अन्य सदस्यों को एमओयू विभाग द्वारा नामित किया जा सकता है तथा आवश्यकतानुसार प्रतिस्थापित किया जा सकता है। विभागीय पीएमयू में अन्य ऐसे संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों को भी सदस्यों के रूप में शामिल किया जाएगा, जिनसे निवेशकों को सहायता की आवश्यकता की सम्भावना हो। पीएमयू द्वारा प्रत्येक माह कम से कम एक बैठक करनी आवश्यक होगी।
निवेश को सुगम बनाने के लिए विभागीय नोडल अधिकारी की नियुक्त
उद्योग बन्धु द्वारा निवेश को सुगम बनाने तथा निवेश प्रोत्साहन का कार्य पूर्व की भांति किया जाता रहेगा। संबंधित एमओयू के नोडल विभाग द्वारा प्रत्येक एमओयू के निवेश को सुगम बनाने के लिए एक विभागीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारियों को नामित करने की प्रक्रिया में 500 करोड़ रुपये से कम के प्रत्येक निवेश प्रस्ताव के सापेक्ष एमओयू विभाग द्वारा प्रत्येक परियोजना के लिए कम से कम मण्डल स्तर के अधिकारियों को नामित किया जाएगा।
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एमओयू विभाग द्वारा मासिक समीक्षा बैठकों को आयोजन
500 करोड़ से 2000 करोड़ रुपये तक के प्रत्येक एमओयू के लिए विभाग द्वारा प्रत्येक परियोजना के लिए विशेष सचिव या निदेशक स्तर के अधिकारियों को नामित किया जाएगा। 2000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्येक एमओयू के लिए संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव नोडल अधिकारी होंगे। विभाग अपनी आवश्यकतानुसार इन नोडल अधिकारियों से वरिष्ठ अधिकारियों को भी नोडल अधिकारी नामित कर सकते हैं। एमओयू का अनुश्रवण एमओयू ट्रैकिंग पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा तथा एमओयू विभाग द्वारा मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी।
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