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Meerut News: रोहिलखंड और मेरठ विश्वविद्यालय के बीच ये एमओयू साइन
Meerut News Today: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ और महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के बीच एमओयू साइन हुआ। अब दोनो विश्वविद्यालय आपसी सहयोग से विश्वविद्यालय को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे
Meerut News Today: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ और महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के बीच एमओयू साइन हुआ इस एमओयू के अंतर्गत दोनों विश्वविद्यालयों में शोध प्रकाशन अकादमिक सूचनाओं का आदान-प्रदान छात्र एवं शिक्षकों का आदान-प्रदान तथा विभिन्न सेमिनार कार्यशाला एवं अकादमिक बैठकों में आपसी सहयोग से विश्वविद्यालय को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे इस एमओयू में संयुक्त रूप से शोध निर्देशन एवं संयुक्त शोध करने का प्रावधान रहेगा एक दूसरे विश्वविद्यालयों के शिक्षक शोध निदेशक बनने के साथ-साथ एक दूसरे की प्रयोगशालाओं का भी प्रयोग कर सकेंगे।
पांच वर्ष का होगा कार्यकाल
इस एमओयू का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा इन पांच वर्षों में विचारों के आदान-प्रदान के साथ-साथ पाठ्यक्रमों के निर्माण समय सापेक्ष को ध्यान में रखते हुए नवीन पाठ्यक्रमों का संचालन तथा शिक्षक एवं छात्र एक दूसरे विश्वविद्यालयों की विभिन्न कमेटियों में सम्मिलित होकर योगदान कर सकेंगे।
नए अवसर प्रदान करेंगे
इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि दो राज्य विश्वविद्यालय अपनी अपनी संभावनाओं एवं समस्याओं से परिचित है हमारा प्रयास रहेगा कि साथ मिलकर उन सभी संभावनाओं पर कार्य करते हुए छात्र छात्राओं के लिए नए अवसर प्रदान कराएं महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के पी सिंह ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के साथ एमओयू हुआ है और हम अकादमिक जगत के विभिन्न क्षेत्रों में साथ मिलकर कार्य करेंगे।
पुल फंड से रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम
दोनों विश्वविद्यालयों के बीच इस बात पर भी सहमति बनी की दोनों विश्वविद्यालय मिलकर एक पुल फंड बनाएंगे। इस फंड के माध्यम से बड़े रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम किया जा सके। जिससे छात्रों को भी नए अवसर प्रदान किए जा सकें। इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव धीरेंद्र कुमार रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलसचिव राजीव कुमार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर वीरपाल सिंह प्रोफेसर अनिल मलिक मौजूद रहे।