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Meerut News: सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने संसद में की मेरठ में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की मांग
Meerut News: सांसद प्रतिनिधि हर्ष गोयल के अनुसार राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद खेल एवं खिलाडियों को निरंतर संरक्षण एवं प्रोत्साहन दिया गया है।
Meerut News: मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने आज लोकसभा में नियम 193 के तहत भारत में खेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर हुई चर्चा में भाग लिया। सांसद प्रतिनिधि हर्ष गोयल के अनुसार राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद खेल एवं खिलाडियों को निरंतर संरक्षण एवं प्रोत्साहन दिया गया है। खेलों के लिए धन का आवंटन बढ़ा है, खेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है तथा माननीय प्रधानमंत्री जी ने व्यक्तिगत स्तर पर खिलाडियों की चिंता की है जिसका परिणाम विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में हमारे देश के प्रभावशाली प्रदर्शन से प्रदर्शित होता है। व्यक्ति के संपूर्ण विकास की दृष्टि से भी खेलों का बहुत अधिक महत्व है।
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मेरठ खेल उत्पादों का बड़ा केंद्र है तथा यहां से विभिन्न क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी तैयार हुए हैं। मेरठ के महत्व को देखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी मेरठ को प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय प्रदान किया है जिसका शिलान्यास स्वयं प्रधानमंत्री जी ने गत 2 जनवरी को किया था। देश भर के पैरालम्पिक पदक विजेताओं का सम्मान भी मेरठ में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा किया गया था।
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि खेल एवं खिलाड़ियों की दृष्टि से इतना महत्वपूर्ण केंद्र होने के बावजूद मेरठ में अभी तक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण नहीं किया गया है।
खेलो इंडिया के अंतर्गत कैलाश प्रकाश स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ लगा दिया गया है जिस पर प्रतियोगिताएं भी शुरू हो गई है परंतु एथलेटिक्स के खिलाड़ियों के लिए सिंथेटिक ट्रैक की अत्यंत आवश्यकता है जो अभी तक उपलब्ध नहीं है।
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सदन में उपस्थित खेल मंत्री जी से अनुरोध किया कि मेरठ में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाये तथा सिंथेटिक ट्रैक उपलब्ध कराया जाए।
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने यह भी कहा कि खिलाडियों के चोटिल हो जाने पर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने अनुरोध किया कि जिला स्तर पर निर्मित अस्पतालों में एक समर्पित स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर बनाया जाये जो चोटिल खिलाडियों की चिकित्सा इत्यादि के लिए समर्पित रहे।