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Meerut News: सांसद की पहलः अनचाहे नवजात को फेंके नहीं, बिना पहचान बताए रख जाएं इस जगह, होगी परवरिश
Meerut News: सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रविवार को लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के लेबर रूम के बाहर आश्रय ‘पालना’ स्थल का लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर सेवा भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री अनिल ने कहा कि आश्रय पालना स्थलों के माध्यम से हर अनचाहे नवजात शिशु को जीने का अधिकार प्राप्त हो सकेगा। साथ ही इच्छुक दंपति इन मासूम को विधि अनुरूप गोद लेकर अपना परिवार पूरा कर सकेंगे। जिससे इन्हें स्वस्थ, सुरक्षित एवं खुशनुमा माहौल में स्नेह व सम्मान के साथ विकसित होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
Meerut News: जनपद के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने आमजन से आह्वान किया कि किसी भी कारणवश कोई अनचाही संतान जन्म लेती हैं तो उसे मारे नहीं, न ही इधर-उधर फेंकें। उसे अपनी पहचान बताए बिना आश्रय स्थल ‘पालना’ में छोड़ जाएं। इसके बाद निश्चिंत रहें, न नवजात को सौंपने वाले की पहचान उजागर की जाएगी, न ही किसी तरह की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जबकि वहां से बच्चे की परवरिश की जाएगी।
पालना स्थल का किया उद्घाटन
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रविवार को लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के लेबर रूम के बाहर आश्रय ‘पालना’ स्थल का लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर सेवा भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री अनिल ने कहा कि आश्रय पालना स्थलों के माध्यम से हर अनचाहे नवजात शिशु को जीने का अधिकार प्राप्त हो सकेगा। साथ ही इच्छुक दंपति इन मासूम को विधि अनुरूप गोद लेकर अपना परिवार पूरा कर सकेंगे। जिससे इन्हें स्वस्थ, सुरक्षित एवं खुशनुमा माहौल में स्नेह व सम्मान के साथ विकसित होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
लगा है हाईटेक सेंसर, नवजात को छोड़ते ही बजेगी घंटी
कार्यक्रम में जीवन संरक्षण अभियान, मां भगवती विकास संस्थान उदयपुर के संस्थापक संचालक योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि आश्रय पालन स्थल में प्राप्त शिशु को जिला बाल कल्याण समिति द्वारा विधिनुसार दत्तक ग्रहण हेतु विधिक रुप से स्वतंत्र घोषित किया जाएगा। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण द्वारा शिशु के दत्तक ग्रहण की कार्यवाही की जाएगी। तत्पश्चात माननीय जिला न्यायालय द्वारा उस शिशु को दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुनर्वास कर दिया जाएगा, जहां से मिलेगा उसे एक नया जीवन, नया नाम, नई पहचान। लाला लाजपत राय स्मारक राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने आश्रय पालना स्थल के कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि आश्रय पालना स्थल हाईटेक मोशन सेंसर से युक्त हैं। जिससे पालना स्थल में शिशु को छोड़ने के 2 मिनट पश्चात चिकित्सालय के लेबर रूम में अपने आप घंटी बजेगी। इस दो मिनट के समय में छोड़ने वाला व्यक्ति आसानी से सुरक्षित रूप से वहां से जा सकेगा और इससे उसकी पहचान भी गोपनीय बनी रहेगी।
लेबर रूम में घंटी बजने के बाद पहुंचेंगे डॉक्टर, होगी देखभाल
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं विभागाध्यक्ष स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग सरदार वल्लभभाई पटेल चिकित्सालय डॉक्टर रचना चौधरी ने बताया कि आश्रय पालना स्थल की चिकित्सालय के लेबर रूम में घंटी बजते ही चिकित्साकर्मी द्वारा आश्रय पालना स्थल से शिशु को तत्काल प्राप्त कर उसकी चिकित्सकीय देखभाल, उसको दूध पिलाना, साफ सफाई करना, स्वच्छ कपड़े पहनाना आदि की जाएगी। शिशु के स्वस्थ होने पर उसे तत्काल नजदीकी राजकीय मान्यता प्राप्त शिशु गृह में भेज दिया जाएगा। गौरतलब है कि अनचाहे नवजात शिशु विशेष रूप से बेटियों को कुछ बार लोग जन्म लेते ही क्रूरता पूर्वक डस्टबिन, कटीली झाड़ियों, नदी, तालाब, कुएं में फेंक देते हैं, ऐसी घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। पालना आश्रय स्थल को इस समस्या का समाधान माना जा रहा है।