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Lucknow: यूपी को वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने को MSME सेक्टर तैयार, ACS नवनीत सहगल बोले- ढाई करोड़ नौकरियां पैदा की

Lucknow: "उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र के लिए पर्याप्त अवसर हैं, जिनकी हमें तलाश करनी चाहिए। पिछले 5 वर्षों में, 96 लाख एमएसएमई को बैंकों द्वारा वित्तपोषित किया गया है, और इस क्षेत्र में लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

Shashwat Mishra
Published on: 27 Aug 2022 3:15 AM GMT
Lucknow News
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नवनीत सहगल अन्य के साथ बैठक करते हुए (फोटों न्यूज नेटवर्क)

Lucknow News: "उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र के लिए पर्याप्त अवसर हैं, जिनकी हमें तलाश करनी चाहिए। पिछले 5 वर्षों में, 96 लाख एमएसएमई को बैंकों द्वारा वित्तपोषित किया गया है, और इस क्षेत्र में लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। एमएसएमई सेक्टर द्वारा लगभग 2.5 करोड़ नौकरियां पैदा की गई हैं। सरकार का मानना ​​है कि छोटे निवेश से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे और बचत में वृद्धि होगी। हमारी अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है, और धीरे-धीरे हमें उद्योगों की तरफ शिफ्ट होने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी क्षेत्रों को मिलकर काम करने की आशयजता है, तभी मुख्यमंत्री के वन ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।" ये बातें अपर मुख्य सचिव एमएसएमई व सूचना नवनीत सहगल ने इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के द्वारा आयोजित पैनल डिस्कशन में कही।

'प्रदेश में लगभग एक करोड़ एमएसएमई रजिस्टर्ड'

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन मोहित सूरी ने कहा, "हम यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आभारी हैं, उन्होंने 2025 तक यूपी को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की प्रप्ति में सबसे बड़ी भूमिका सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों यानि एमएसएमई सेक्टर की होगी। प्रदेश में लगभग एक करोड़ एमएसएमई रजिस्टर्ड हैं और अकेले इस क्षेत्र द्वारा ₹890 बिलियन का निर्यात किया जाता है। इस सेक्टर की भूमिका को देखते हुए और आगे का रोडमैप तैयार करने के लिए आईआईए के आमंत्रित विशेषज्ञों ने इस पैनल डिस्कशन विस्तृत चर्चा की।"

यूपी में विकास आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं

सूरी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में मौजूद संभावनाओं व इस राज्य की क्षमता को काफी हद तक नजरअंदाज किया गया। यूपी को आप एक राज्य नही, बल्कि इसके क्षेत्रफल और आबादी के पैमाने पर देखें तो यह दुनिया मे पांचवे नम्बर का देश होगा। यूपी से सबसे ज्यादा सांसद चुनकर संसद में जाते हैं, जो राष्ट्रीय नीतियों में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि यूपी में अपार संभावनाएं हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को साधुवाद व हृदय से आभार कि उन्होंने यूपी को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में एमएसएमई के महत्व को पहचाना और इस पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के प्रयास से ही प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है, जो राज्य में उद्योग व कारोबार स्थापित करने के लिए बेहद आवश्यक है।"

'मुख्यमंत्री के वन ट्रिलियन लक्ष्य को हासिल करें'

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन वाईस चेयरमैन यावर अली शाह ने कहा, "हम एमएसएमई उद्यमियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि हम सभी मिलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा तय किए गए वन ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य को हासिल करें। इस पैनल डिस्कशन का उद्देश्य यूपी के वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने में एमएसएमई की क्या भूमिका होगी उस पर चर्चा करना था। साथ ही, वर्तमान में एमएसएमई सेक्टर नोटबन्दी, जीएसटी और महामारी के चलते एक के बाद एक जिस तरह चुनौतियों का सामना कर रहा है, उससे उबरने में सरकार किस तरह से मदद कर सकती है, उस तरफ भी सरकार का ध्यान आकर्षित करना था।"

Prashant Dixit

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