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एम्बुलेंस मामला: मुख्तार अंसारी के खिलाफ वारंट जारी, कोर्ट ने किया तलब
Mukhtar Ansari Ambulance Case: बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पेशी अब बाराबंकी में शुरू होगी। कोर्ट ने 14 जून को कोर्ट में तलब किया है।
Mukhtar Ansari Ambulance Case: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल (Banda Jail) में बंद बाहुबली विधायक माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की पेशी अब बाराबंकी में शुरू होगी। कोर्ट ने एम्बुलेंस के फर्जी कागजात से रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में 14 जून को कोर्ट में तलब किया है। इसके लिए प्रभारी मुख्य न्यायिक दंड़ाधिकारी नंदकुमार ने बी वारंट जारी किया है। कोर्ट में पुलिस ने बताया है कि एम्बुलेंस मामले (Ambulance Case) में फर्जी पते से पंजीकरण में मुख्तार अंसारी की संलिप्तता सही है।
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने पुलिस को अपने दिए गए 161 के बयान में ये स्वीकार किया है कि उसकी साजिश से ही बाराबंकी में एम्बुलेंस की खरीद और रजिस्ट्रेशन कराया गया था। इससे पहले कोर्ट से आदेश मिलने के बाद बाराबंकी एसपी यमुना प्रसाद द्वारा गाठित एसआईटी ने 25 मई को बांदा जेल पहुंच कर दो दिन पूछताछ की थी। मुख्तार इस समय बांदा की ही जेल में बंद है।
क्या है पूरा मामला?
पूर्वांचल के माफिया और विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से 31 मार्च को मोहाली कोर्ट तक पेशी पर लाने और ले जाने में यूपी 41 नंबर की एम्बुलेंस का प्रयोग किया गया था। इस मामले में गठित एसआईटी ने मऊ जिले के श्याम संजीवनी हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डाॅ.अलका राय, निदेशक शेषनाथ राय समेत सहयोगी रहे राजनाथ यादव को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
आपको बता दें कि साल 2013 में रजिस्टर्ड एंबुलेंसके संबंध में पुलिस ने मुख्तार अंसारी से पूछताछ की थी। उसका कहना है कि वह उस एंबुलेंस का साल 2013 से ही इस्तेमाल कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने मऊ के संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉक्टर अलका राय पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था। डॉक्टर अलका को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है।
गौरतलब है कि बाहुबली मुख्तार अंसारी (Bahubali Mukhtar Ansari) को मोहाली की कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते वक्त समय इस एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया था। इस एंबुलेंस को माफिया मुख्तार अंसारी इस्तेमाल कर रहा था।
बताया जा रहा है कि 31 जनवरी 2017 को एंबुलेंस का फिटनेस खत्म हो गया था। 23 जनवरी 2020 को परिवहन विभाग ने मऊ के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल (Shyam Sanjeevani Hospital) की मालिक डॉक्टर अलका राय को नोटिस भेजा था। अलका राय के वोटर कार्ड के आधार पर बाराबंकी में एंबुलेंस का पंजीकरण हुआ था। लेकिन एंबुलेंस रजिस्टर्ड व पता जांच में फर्जी निकला। सीएमओ कार्यालय में इस नाम के किसी भी अस्पताल का पंजीकरण नहीं पाया गया है।
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