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मुख्तार का दबदबा कायम, पंजाब में बाराबंकी की एंबुलेंस से कर रहा सफर

मुख्तार अंसारी को बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया, जिस एम्बुलेंस से अंसारी कोर्ट पहुंचे, वो यूपी नंबर की थी।

Ashiki
Published on: 1 April 2021 7:59 AM GMT (Updated on: 1 April 2021 8:06 AM GMT)
mukhtar ansari
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फाइल फोटो 

बाराबंकी: पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को मोहाली की कोर्ट में जब पेश किया गया। इस दौरान जिस यूपी नंबर की गाड़ी से मुख्तार अंसारी आया वह एक निजी एंबुलेंस थी और उसका रजिस्ट्रेशन बाराबंकी में श्याम नाम के एक निजी अस्पताल के नाम से मिला। साथ ही एंबुलेंस की आरसी पर डाक्टर अल्का राय का नाम भी लिखा है।

एंबुलेंस को लेकर बवाल

यह जानकारी पूरे प्रदेश में आग की तरह फैली और हड़कंप मच गया। क्योंकि अल्का राय बीजेपी के उन्हीं विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी का नाम भी हैं, जिनकी हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या जानबूझकर अल्का राय के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराया गया, जिससे पूरे सिस्टम को मुंह चिढ़ाया जा सके। हालांकि फिलहाल पंजाम में मिली बाराबंकी की एंबुलेंस की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है।

अल्का राय के नाम से गाड़ी रजिस्टर्ड

मामला यूपी के बाहुबली विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से जुड़ा है। दरअसल जिस एंबुलेंस से मुख्तार अंसारी को मोहाली की कोर्ट में जब पेश किया गया था, उसपर बाराबंकी कता नंबर पड़ा हुआ था। छानबीन करने पर पता चला कि इस एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी में एक निजी अस्पताल के नाम से है। हालांकि आज की तारीख में वह अस्पताल अस्तित्व नहीं है और न ही वहां वह डाक्टर अल्का राय ही हैं, जिसका नाम एंबुलेंस की आरसी पर दर्ज है। इसके अलावा बाराबंकी एआरटीओ के मुताबिक UP41 AT 7171 नंबर की जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल मुख्तार अंसारी के लिए हुआ है, उसकी साल 2015 में ही रजिस्ट्रेशन की मियाद खत्म हो चुकी है।

इसके अलावा एंबुलेंस की फिटनेस भी साल 2017 में ही एक्सपायर हो चुकी है। जबकि 20 जनवरी 2020 को इस गाड़ी के रिनीवल के लिए एक नोटिस भेजा गया था। जिस पर कोई जवाब न आने के बाद अब गाड़ी को सीज करने की कार्रवाई की जानी थी। बड़ा सवाल ये है कि क्या जानबूझकर अल्का राय के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराया गया, जिससे पूरे सिस्टम को मुंह चिढ़ाया जा सके।

वहीं बाराबंकी के जिस मोहल्ले रफीनगर के हास्पिटल श्याम और डाक्टर अल्का राय का एंबुलेंस की आरसी में जिक्र है, वह भी मौके पर नहीं है। मोहल्ले के स्थानीय निवासियों का कहना है कि वह लोग बचपन से ही यहां रह रहे हैं और न तो कभी यहां ऐसा कोई हास्पिटल ही था और न ही इस नाम की कोई डाक्टर ही थीं।

वहीं गाड़ी की आरसी पर डा. अल्का राय का नाम होना महज इत्तेफाक है या मुख्तार की कोई साजिश, इस पर से भी पर्दा उठना जरूरी है। क्योंकि अल्का राय बीजेपी के उन्हीं विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी का नाम भी हैं, जिनकी हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या जानबूझकर अल्का राय के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराया गया, जिससे पूरे सिस्टम को मुंह चिढ़ाया जा सके।

रिपोर्ट: सरफराज वारसी

Ashiki

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