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Lucknow: अतीक की हत्या से सहमा माफिया मुख्तार अंसारी, CBI स्पेशल कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बावजूद नहीं हुआ पेश
Lucknow News: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के जेल में बंद अपराधियों में खौफ है। मुख्तार अंसारी इसी डर से सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। उसने कोर्ट को अतीक हत्याकांड का हवाला देते हुए अपनी जान को खतरा बताया।
Mukhtar Ansari CBI Special Court: यूपी के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर में खौफ देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद अपराधियों में दहशत है। सभी जान जाने का खतरा बता रहे हैं। कोई भी अपराधी जेल से बाहर आने को तैयार नहीं है। इसका जीता-जागता उदाहरण प्रदेश का बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) है। मुख़्तार इस कदर खौफजदा है कि वो कोर्ट में पेशी तक पर नहीं आया। उसने अदालत को अतीक-अशरफ अहमद की हत्या का हवाला देते हुए अपनी जान को खतरा बताया।
दरअसल, लखनऊ स्थित सीबीआई स्पेशल कोर्ट (CBI Special Court) में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा (Mukhtar Ansari Money Laundering Case) चल रहा है। बुधवार (19 अप्रैल) को मामले की सुनवाई में मुख्तार अंसारी पर आरोप तय होने थे। मुख़्तार को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन, वो नहीं आया। बताया जा रहा है मुख्तार अंसारी, अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद से सहमा हुआ है। उसे जान जाने का डर सता रहा है। इसी वजह से उसने सीबीआई स्पेशल कोर्ट में पेश होने से इनकार कर दिया।
मुख़्तार ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की मांग
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को अपनी जान का खतरा इस कदर है कि, उसने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराने की अपील की। लेकिन, तकनीकी वजहों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं हो सकी। जिसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 मई की तारीख मुक़र्रर की गई है।
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बांदा जेल की बढ़ाई गई सुरक्षा, चप्पे-चप्पे पर PAC
अतीक की हत्या के ठीक बाद प्रदेश के सभी सभी जेलों की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। मुख़्तार अंसारी इस वक़्त बांदा जेल में बंद है। बांदा जेल प्रशासन ने भी हाई प्रोफ़ाइल अपराधी मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी से निगरानी कर रही है। जेल के बाहर PAC जवानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। किसी भी अनहोनी से बचने के लिए जेल के भीतर चौकी पर निगरानी बढ़ा दी गई है। वहीं, जेल के बाहर पीएसी जवान चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुआ हैं। पुलिस वालों की हर गतिविधि पर नजर है।