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Aparna Yadav: मुलायम की छोटी बहू के आने से भाजपा को सियासी लाभ, सपा को नुकसान नहीं
Aparna Yadav: मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने से भले ही भाजपा इसे अपनी बडी जीत मान रही हो पर समाजवादी पार्टी को कोई इसका बडा सियासी नुकसान होता नहीं दिख रहा है।
Aparna Yadav: उत्तरप्रदेश की राजनीति के सबसे बड़े सियासी परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने से भले ही भाजपा इसे अपनी बडी जीत मान रही हो पर समाजवादी पार्टी को कोई इसका बडा सियासी नुकसान होता नहीं दिख रहा है। इसके पीछे सबसे बडा कारण उनका प्रदेश में कोई बडा सियासी वजूद नहीं है।
अपर्णा यादव की पहचान केवल मुलायम सिंह यादव के परिवार की बहू के तौर पर ही है । इसलिए भाजपा इसे अपनी बडी जीत मान रही है लेकिन राजनीतिक जानकारों का दावा है कि अर्पणा यादव के भाजपा में शामिल होने से उसे उतना बडा राजनीतिक लाभ मिलने वाला नही है जितना स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोडने से उसे नुकसान हुआ है।
भाजपा के लिए लखनऊ की कैंट सीट
BJP Lucknow Cantt seat
लेकिन इन सबके बीच अर्पणा यादव के शामिल होने के बाद भाजपा के लिए लखनऊ की कैंट सीट (Lucknow Cantt seat) पर मजबूत दावेदारी से पार्टी के अंदर अर्न्तकलह बढ सकती है। क्योंकि इस सीट पर भाजपा के कई मंत्री महेन्द्र सिंह, डा दिनेश शर्मा, बृजेश पाठक सुरेश तिवारी तथा मेयर डा संयुक्ता भाटिया के बेटे और और आरएसएस के करीबी प्रशांत भाटिया भी दावेदारों की रेस में शामिल हैं।
यहां तक कि दो बार लखनऊ कैंट(Lucknow Cantt seat) से विधायक रही डा रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) अपने बेटे मयंक जोशी के लिए अपनी सांसदी भी छोडने को तैयार हैं। लखनऊ कैंट की सीट भाजपा के लिए एक अनार सौ बीमार वाली सीट बन चुकी है।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की डा रीता बहुगुणा जोशी को 95402 वोट मिले थें और सपा की अर्पणा यादव को 61606 वोट मिले थें। जबकि बसपा प्रत्याशी योगेश दीक्षित को 26026 मत मिले थें। इस प्रकार डा रीता बहुगुणा जोशी 33796 मतों से विजय घोषित हुई थीं।
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