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जन्मदिन विशेष: मुलायम सिंह यादव का 82वां जन्मदिन, सैफई के बीहड़ से निकलकर बने देश के 'नेताजी'

Mulayam Singh Yadav Janmdin: नेता जी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव अपनी जिंदगी के 82 साल पूरे कर लिए हैं। 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में उनका जन्म हुआ था।

Rahul Singh Rajpoot
Written By Rahul Singh RajpootPublished By Shreya
Published on: 22 Nov 2021 10:31 AM IST
जन्मदिन विशेष: मुलायम सिंह यादव का 82वां जन्मदिन, सैफई के बीहड़ से निकलकर बने देश के नेताजी
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मुलायम सिंह यादव  (फोटो- न्यूजट्रैक) 

Mulayam Singh Yadav Janmdin: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के जनक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आज जन्मदिन है। नेताजी के 83वें जन्मदिन पर उत्तर प्रदेश में अलग-अलग कार्यक्रम (Uttar Pradesh Mein Karyakram) आयोजित किए जा रहे हैं। उनके भाई शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) जहां सफाई में दंगल का आयोजन करा रहे हैं तो वहीं उनके बेटे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पार्टी कार्यालय (SP Karyalay) पर केक काटकर जन्मदिन मनाएंगे।

नेता जी (Neta Ji) के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव अपनी जिंदगी के 82 साल (Mulayam Singh Yadav Age) पूरे कर लिए हैं। 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले (Etawah) के सैफई (Saifai) गांव में (Mulayam Singh Yadav Birth Place) मुलायम एक साधारण परिवार से निकलकर प्रदेश और देश की राजनीति में एक बड़ा नाम बने। वह उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री (UP Chief Minister) और एक बार देश के रक्षा मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं।

मुलायम सिंह यादव चार भाई और एक बहन (Mulayam Singh Yadav Family) थे। अभी वह मैनपुरी से सांसद हैं और पार्टी के संरक्षक भी हैं। अखिलेश यादव उनके बेटे (Mulayam Singh Yadav Son) हैं और उन्हीं के दम पर 2012 में अखिलेश यादव पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। मुलायम के जन्मदिन (Mulayam Singh Yadav Ka Janmdin) पर आपको बताते हैं कि कैसे एक शिक्षक देश के 'नेताजी' बन गए।

मुलायम सिंह यादव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

किसान परिवार में हुआ जन्म

मुलायम सिंह यादव का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने उत्तर प्रदेश और देश की सियासत में अपनी एक बड़ी पहचान बनाई है। उन्होंने तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य किया। जबकि एक बार देश के रक्षा मंत्री भी रहे। मुलायम सिंह यादव शुरुआती दिनों में शिक्षक का कार्य करते थे लेकिन लोहिया और उनके साथ के लोगों के संपर्क में आने के बाद सियासत की ओर रुख कर दिया।

लोकदल के विधायक के रुप में सियासत (Mulayam Singh Yadav Political Career In Hindi) में कदम रखने वाले मुलायम सिंह 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव (Samajwadi Party Ki Nev) रखी और उत्तर प्रदेश की जड़े मजबूत करने में उनका अमूल्य योगदान रहा। समाजवादी पार्टी आज उत्तर प्रदेश में सबसे मजबूत पार्टी के तौर पर जानी जाती है और इसकी कमान अब उनके बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कंधों पर है।

तीन बार बने यूपी के मुख्यमंत्री

नेताजी यूपी की सियासत में अपने दम पर एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। मुलायम सिंह यादव पहली बार 5 दिसंबर 1988 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (Mulayam Singh Yadav Chief Minister) पद की शपथ ली और उनका यह कार्यकाल 24 जून 1991 तक रहा। इसके बाद दूसरी बार वह 5 दिसंबर 1993 को मुख्यमंत्री बने और इनका यह कार्यकाल 3 जून 1995 तक रहा। तीसरी बार नेताजी 29 अगस्त 2003 को मायावती सरकार गिरने के बाद 13 मई 2007 करीब 4 साल तक उत्तर प्रदेश की सत्ता पर राज किया। इसके साथ ही वह 1 जून 1996 को देश के रक्षा मंत्री बने और 19 मार्च 1998 तक इसका निर्वहन किया।

मुलायम सिंह यादव की पुरानी तस्वीर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सोशलिस्ट पार्टी से सियासत में एंट्री

1939 में जन्मे मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सोशलिस्ट पार्टी (Socialist Party) से की थी। उसके बाद लोकदल फिर जनता दल होते हुए 1992 में अपनी खुद की समाजवादी पार्टी का गठन कर उत्तर प्रदेश की सियासत (UP Ki Siyasat) और देश की राजनीति में एक ऐसा नाम बन गए जो शायद हर किसी का सपना होता है।

नेताजी का परिवार (Mulayam Singh Yadav Family)

मुलायम सिंह के पिता (Mulayam Singh Yadav Father) का नाम सुधर सिंह यादव था जबकि माता का नाम (Mulayam Singh Yadav Mother Name) मूर्ति देवी था। किसान परिवार (Kisan Family) में जन्मे मुलायम अपने पांच भाई-बहनों में रतन सिंह से छोटे व अभय राम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह और कमला देवी से बड़े थे। वह दूसरे नंबर के थे। समाजवादी पार्टी के महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव उनके चचेरे भाई हैं।

पिता सुधर सिंह उन्हें पहलवान (Pahalvan) बनाना चाहते थे लेकिन पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थू सिंह (Guru Chaudhary Nathu Singh) को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थू सिंह के परंपरागत विधानसभा क्षेत्र यशवंतनगर (Yashwant Nagar) से अपना राजनैतिक सफर शुरू किया। जिस सीट से अभी शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) लगातार विधायक बनते आ रहे हैं।

चाचा शिवपाल सिंह यादव संग अखिलेश यादव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

2016 में नेताजी को लगा बड़ा झटका

मुलायम सिंह यादव का परिवार देश का सबसे बड़ा सियासी परिवार माना जाता है। उनके यहां पंचायत से लेकर सांसद और मुख्यमंत्री रहे हैं। लेकिन नेताजी को सबसे बड़ा झटका 2016 में लगा जब चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश के बीच जंग शुरू हो गई। परिवार का यह झगड़ा खुले मंच पर पहुंचा और नेताजी को बड़ा सदमा लगा। भाई और बेटे के बीच जंग के बीच फंसे नेताजी दोनों के बीच सुलह नहीं करा पाए। जिसके बाद उनकी राह जुदा हो गई। हालांकि नेताजी कई बार दोनों को एक करने का प्रयास किया लेकिन सियासत के सुरमा मुलायम वहां विफल हुए।

अब 2022 में शिवपाल यादव ने अपने रुख में नरमी दिखाते हुए सपा से गठबंधन या अपनी पार्टी के विलय का ऐलान किया है लेकिन अखिलेश अभी खुले मन से उनका स्वागत करने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि आज उनके जन्मदिन पर भी सैफई में उनका परिवार एकजुट नहीं दिखाई दे रहा। शिवपाल ने जहां सैफई में दंगल और कवि सम्मेलन का आयोजन किया तो अखिलेश आज पार्टी कार्यालय पर केक काटकर पिताजी का अपने जन्मदिन मनाएंगे।

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