In Mainpuri, the BJP had heated political discussion by giving ticket to Mulayam Singh Yadav's niece Sandhya Yadav, elder sister of former MP Dharmendra Yadav from BJP | BJP प्रत्याशी संध्या यादव को मिली चुनाव में करारी हार, सपा की रह चुकी हैं पंचायत अध्यक्ष | News Track in Hindi
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BJP प्रत्याशी संध्या यादव को मिली चुनाव में करारी हार, सपा की रह चुकी हैं पंचायत अध्यक्ष

मैनपुरी में भाजपा ने मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बड़ी बहन को भाजपा से टिकट देकर राजनीतिक चर्चा गर्म कर दी थी

Praveen Pandey
Reporter Praveen PandeyPublished By Roshni Khan
Published on: 3 May 2021 8:28 AM
Mulayam Singh Yadav niece Sandhya Yadav defeat in panchayat election in mainpuri
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संध्या यादव (सोशल मीडिया)

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में भाजपा ने मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बड़ी बहन को भाजपा से टिकट देकर राजनीतिक चर्चा गर्म कर दी थी।

भाजपा ने संध्या यादव को जिला पंचायत सदस्य का टिकट देकर सैफई कुनवे में बड़ी सेंध लगाई थी, हालांकि इन सबके बीच पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई थी। धर्मेंद्र यादव ने दो वर्ष पहले एक पत्र जारी कर अपने बहनोई से संबंधों का विच्छेदन कर चुके थे, लेकिन गाहे गवाहे धर्मेंद्र यादव का नाम सुर्खियों में आ ही जाता था।

संध्या यादव को भाजपा ने टिकट देकर एक बार फिर से बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को सुर्खियों में ला दिया था, संध्या यादव 2016 में समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष थीं, लेकिन सैफई परिवार में फूट पड़ी तो रिश्तों में भी खटास आनी शुरू हो गई। नतीजन सपा के एक विधायक के इशारे पर संध्या यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का षड्यंत्र शुरू हो गया था। संध्या यादव ने अपनी सीट को बचाने के लिए बीजेपी का साथ लिया, तब जाकर अपनी सीट को सुरक्षित रख सकीं, तब से संध्या यादव और उनके पति अनुजेश यादव की बीजेपी से नजदीकियां बढ़ती चली गईं और संध्या के पति ने भाजपा का दामन थाम लिया। आनन-फानन में तत्कालीन सांसद धर्मेंद्र यादव ने एक पत्र जारी कर अपने बहनोई से रिश्ते तोड़ दिए।

सैफई परिवार की बेटी अब भाजपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही, इस बात की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोर पकड़े हुए थीं। मैनपुरी से महज 30 किलोमीटर दूर सैफई को यह बात रास नहीं आ रही थी। यही वजह है कि अब धर्मेंद्र यादव का 2019 का संबंध विच्छेदन का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा था। धर्मेंद्र यादव अखिलेश यादव की नजर में अपनी साख बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने सियासी चाल चलकर एक बार फिर परिवार में भी हलचल पैदा कर दी थी, हालांकि समाजवादी पार्टी इस बात से साफ इंकार कर रही है कि संध्या यादव का कोई भी दांव सपा के लिए मुसीबत बनेगा।

सपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी प्रमोद यादव उर्फ बंटू ने भाजपा प्रत्याशी संध्या यादव को चुनाव में हरा दिया। हालांकि अभी जीते हुए प्रत्याशी को अभी तक जिला प्रशासन ने जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया है और न ही अभी तक ये साफ किया है कि कितने मतों से प्रमोद यादव ने संध्या यादव को हराया है।

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Roshni Khan

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