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Mulayam Singh Yadav Wife: साधना दीदी के साथ जुड़ी यादें...

Mulayam Singh Yadav Wife Sadhna Yadav: साधना दीदी बेहद अच्छे दिल, दयावान ,संयम और सबकी मदद करने वाली महिला थीं

Sushil Tiwari
Written By Sushil Tiwari
Published on: 9 July 2022 10:30 PM IST
Mulayam Singh Yadav Wife Sadhna Yadav
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Mulayam Singh Yadav Wife Sadhna Yadav (Photo - Social Media) 

Mulayam Singh Yadav Wife Sadhna Yadav: मेरा साधना दीदी से वर्ष 1999 में परिचय हुआ था। यह परिचय इतना बढ़ गया कि मैं दीदी से मिलने अक्सर श्री मुलायम सिंह जी की कोठी जाने लगा। दीदी ने भी मुझे भैय्या दूज और रक्षा बंधन पर बहन का प्यार दिया । दीदी अक्सर अपने कार चालकों मुस्तफा/आजाद से मेरे लिए ब्लैक बेरी कंपनी के कपड़े / कोट भेजने लगी , वह मुझसे बहुत स्नेह करती थीं । अक्सर घर पर खाने पर भी बुलाती थीं । एक बार मैं वर्ष 2003 में उनके साथ किसी कार्यक्रम में मर्सडीज वाहन (दस लोगो की बैठने की कैपेसिटी वाला) विधुना जिला औरिय्या गया था साथ में श्री शिवपाल जी की पत्नि सरला भाभी और घर के अन्य सदस्य भी थे ।मुस्तफा ड्राइवर था । इस कार्यक्रम में श्री मुलायम सिंह जी भी बाद में कार से आकर जल्दी वापस लखनऊ चले गए थे । हम सभी देर शाम लखनऊ के लिए रवाना हुए । लेकिन रास्ते में मर्सडीज गाड़ी खराब हो गई । उसे सही करने का काफी प्रयास किया गया । लेकिन सही नही हो पाई जिसके कारण काफी समय खराब हो गया , श्री मुलायम सिंह जी को भी इसकी जानकारी देने का प्रयास किया गया । लेकिन टेलीफोन नहीं लगा । अंत में साथ चल रही सुरक्षा कर्मियों की जीप से मर्सडीज को एक रस्सी से बांधकर लाया गया । जिसके कारण लखनऊ पहुंचने में रात काफी हो गई । हम सभी जैसे ही कोठी में प्रवेश किए तो देखा श्री मुलायम सिंह जी बैचैनी के साथ कोठी की लाबी में टहल रहे थे। साधना दीदी को देखने ही उनका पारा चढ़ गया कि इतनी देर कैसे हो गई , फोन क्यूं नही किया ? कई सवाल एक साथ नेताजी ने कर दिए । लेकिन साधना जी ने बड़े धैर्य पूर्वक पूरी बात बताई तब उनका गुस्सा शांत हुआ । इस घटना से आप समझ सकते हैं की श्री मुलायम जी साधना दीदी को बेहद मानते रहे।॥साधना दीदी भी उनके बिना कभी भी एक कदम नहीं चली ,हमेशा कोई भी कार्य किया तो उनकी अनुमति जरूर ली। साधना जी ने हमेशा अपने पति के साथ एक कुशल और पति की आज्ञा मानने वाली गृहणी के रूप में जीवन व्यतीत किया ।

साधना दीदी बेहद अच्छे दिल , दयावान ,संयम और सबकी मदद करने वाली महिला थीं ।

साधना दीदी के पुत्र प्रतीक उर्फ मनु का जन्म दिन 7 जून को होता है। वर्ष 2000 में मैने मनु के जन्मदिन पर मेरी खुद की खींची गई एक फोटो को बड़ा कराकर फ्रेम के साथ उपहार के रूप में दी थी । कोठी पर ही रात मैने भोजन और आइसक्रीम का स्वाद चखा , उस जामुन फ्लेवर में बनी आइस क्रीम का स्वाद लाजवाब था। दीदी और अन्य लोगों ने जामुन के फ्लेवर के स्वाद वाली आइसक्रीम की खूब तारीफ की।

Mulayam Singh Yadav Wife Sadhna Yadav

मैं अक्सर कोठी जाया करता था। अगर रात में कुछ देर हो गई तो दीदी ने मुझे बाइक से नहीं जाने दिया और हमेशा कार से भेजा ।

2002 की बात है विधान सभा चुनाव नजदीक थे । मैंने दीदी का एक बार इलाज किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर अशोक चंद्रा से करा दिया था । एक दिन मैं दूरदर्शन में ड्यूटी में था । तब मोबाइल फोन मेरे पास नहीं था । दीदी ने दूरदर्शन निदेशक कुलभूषण जी को फोन किया और कहा की सुशील तिवारी भैय्या को तुरंत कोठी पर भेज दीजिए । में कोठी पहुंचा तो दीदी और श्री मुलायन सिंह जी कोठी के ड्राइंग रूम में बैठे हुए थे , मेरे पहुंचते ही दीदी ने कहा की नेता जी को डॉक्टर अशोक चंद्रा जी को दिखाना है । दीदी श्री मुलायम सिंह जी को आम बोलचाल की भाषा में नेता जी कहा करती थी।

मैने तुरंत डॉक्टर अशोक चंद्रा से बात की और वह अगले दिन सुबह कोठी पर आने को तैयार हो गए । मेरे घर सुबह ही आजाद ड्राइवर कार लेकर आ गया । मैं उसी कार से डॉक्टर अशोक चंद्रा के घर केजीएमसी कैंपस में पहुंचा और डॉक्टर साहब को लेकर कोठी पहुंच गया । कोठी के ड्राइंग रूम में नेता जी , दीदी और श्री अखिलेश यादव जी बैठे हुए थे । डॉक्टर साहब ने ड्राइंग रुम के एक सोफे पर नेता जी को लिटाकर चेक अप करना शुरू किया , इस दौरान नेता जी ने कहा की डॉक्टर साहब मुझे काफी समय से कॉन्स्टीपेशन है , चुनाव प्रचार के दौरान काफी दिक्कत रहती है।

मुलायम सिंह यादव की पत्नी की फोटो (Photo - Social Media)

साधना दीदी के साथ जुड़ी यादें ।इसे आप जल्दी ठीक कर दीजिए जिससे मैं आने वाले विधान सभा में ज्यादा से ज्यादा मेहनत कर सकूं । इसके बाद हुए विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत हुई और श्री मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने । वर्ष 2005 में मुझे दीदी के साथ ट्रेन से आगरा से लखनऊ तक सफर करने का मौका मिला , उस समय नेताजी मुख्यमंत्री थे । आगरा रेलवे स्टेशन पर कई बड़े बड़े प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे , मुझे याद है तत्कालीन आईएएस अधिकारी देवदत्त भी स्टेशन पर मौजूद थे और मेरी उनसे वही जान पहचान हुई । वह ऐसे क्षण थे कि मुझे भी गर्व हो रहा था कि दीदी के कारण वहां मौजूद लोग मुझे हाथों हाथ ले रहे थे । दीदी ने मेरे लिए बहुत किया मेरे जीवन में उनकी यादें हमेशा रची बसी रहेंगी ।

दीदी से पिछले 2 वर्ष में कई बार उनके मोबाइल नंबर पर बात हुई , उन्होंने हमेशा यही कहा कि उनकी तबियत ठीक नहीं चल रही है । एक बार मैने जब उन्हें कॉल किया तब वह हॉस्पिटल में भर्ती थीं ,मेरी उनसे लगभग 6 मिनट तक बात चली उन्होंने बताया की उनके पूरे हाथों पर ब्लड टेस्ट आदि को लेकर बहुत इंजेक्शन लगे है जिसके कारण हाथों में काफी दिक्कत है , मेरी उनसे बात चल ही रही थी कि तभी उन्होंने कहा कि ब्लड टेस्ट वाले फिर से ब्लड लेने आ गए है , भैय्या फिर बात करेंगे और फोनकॉल को काट दिया ।अभी हाल में ही जब उनसे बात हुई थी तब वह अपनी बीमारी को लेकर काफी निराश दिखी थी और अब वह मुझे छोड़कर चली गई , अब सिर्फ मेरे पास उनकी अनगिनत सिर्फ यादें ही बची रह गई हैं। दीदी आप हमेशा याद आएंगी। आपका स्नेह और अपनापन अब मुझे कैसे मिलेगा ? आज मुझे बेहद कष्ट है जिसे मैं लिख नहीं सकता और इसी तरह की बहुत ज्यादा यादें भी । दीदी चरणस्पर्श ......



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