TRENDING TAGS :
जेल में मारा गया मुन्ना बजरंगी, एसटीएफ अफ़सर फिर विवादों में
लखनऊ: बागपत जेल में प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ़ मुन्ना बजरंगी की ह्त्या के बाद यूपी में क़ानून व्यवस्था को लेकर जहां सवाल उठ रहे हैं, वहीं आईजी एसटीएफ अमिताभ यश एक बार फिर विवादों में हैं। मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने एक हफ्ते पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर अपने पति की ह्त्या की साज़िश का आरोप लगाया था।
यह भी पढ़ें: मुन्ना बजरंगी ऐसे करता था क्रूरता से हत्या, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की कांप जाती थी रुह
अब मुन्ना बजरंगी की जेल में ह्त्या के बाद अमिताभ यश पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले नाभा जेल ब्रेक काण्ड आरोपी गोपी घनश्याम पुरिया से 45 लाख की रिश्वत लेकर छोड़ने का आरोप भी आईजी एसटीएफ अमिताभ यश पर लगा था हालाँकि जाँच में उन को क्लीन चिट मिल गई थी।
यूपी में है अपराधियों का बोलबाला
यूपी में सड़क से जेल तक अपराधियों का बोलबाला है। अपराधी जब जहाँ चाहते हैं, सनसनीखेज़ वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। ऐसे में बागपत जेल में प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ़ मुन्ना बजरंगी की ह्त्या के बाद क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाज़िमी है। सवाल पुलिस की एसटीएफ विंग के मुखिया पर भी उठ रहे हैं।
यह भी पढ़ें: यूपी: कुख्यात माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश पर एक सप्ताह पहले ही मुन्ना बजरंगी की पत्नी और उस के वकील विकास श्रीवास्तव ने गंभीर आरोप लगाए थे। मुन्ना बजरंगी की बीवी ने आरोप लगाया था कि एसटीएफ के अफसर उस के पति की ह्त्या कराना चाहते हैं, और ह्त्या को एनकाउंटर का रंग देने की साज़िश रच रहे हैं। प्रेस कांफ्रेस के दौरान विकास श्रीवास्तव ने आईजी एसटीएफ पर इस साज़िश में शामिल होने के आरोप लगाये थे।
मुन्ना बजरंगी के खिलाफ थे कई मुक़दमे दर्ज
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मुन्ना बजरंगी के खिलाफ 40 हत्याओं के मुकदमे दर्ज थे। एके47 और एके56 जैसे स्वचालित हत्यारों का इस्तेमाल करने वाला मुन्ना बजरंगी अपने विरोधियों की ह्त्या एक दो गोली नहीं बल्कि कम कम से पांच दर्जन गोलियाँ मार कर करता था। भाजपा विधायक कृष्णानद राय की ह्त्या के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी इस बात पुष्टि हुई थी। इस हत्याकाण्ड में कृष्णानंद राय समेत मारे गए 7 लोगों की जिस्म से 60 से 100 गोलियां निकाली गईं थी।
पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन मुन्नाबजरंगी 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार कर किया था। बजरंगी की गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली पुलिस मिलीभगत के आरोप लगे थे। दरअसल मुन्ना बजरंगी को अपने एनकाउंटर का डर सता रहा था।
इस आपरेशन आखिरी वक़्त में मुंबई पुलिस को भी ऐन वक्त पर शामिल किया गया था। दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर कहा था, कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट राजबीर सिंह की हत्या में मुन्ना बजरंगी का हाथ होने का शक है। इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया। मुंबई में हुई गिरफ्तारी के बाद से ही मुन्ना बजरंगी यूपी की अलग अलग जेलों में बंद था। इस दौरान जेल से लोगों को धमकाने, वसूली करने जैसे मामले भी सामने आते रहे हैं।