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मुसलमान सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले का करेगा स्वागत : मौलाना अरशद
सहारनपुर:जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य खंडपीठ द्वारा सोमवार को अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी २०१९ के पहले सप्ताह में करने के निर्णय का समर्थन किया। मौलाना ने कहा कि अयोध्या मामला बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील है।जमीयत के वकील पूरी ताकत के साथ कोर्ट में कैस लड़ रहे हैं और देश का मुसलमान सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले का स्वागत करेगा।
अयोध्या मामले पर हुई कानूनी प्रक्रिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है बल्कि देश का महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला है। मौलाना ने कहा कि कुछ लोग अदालत के बाहर इस मामले में अनावश्यक ही नहीं बल्कि आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। यहां तक कि कुछ लोग यह तक कह रहें हैं कि कोर्ट का फैसला कुछ भी हो मंदिर वहीं बनाएंगे। ऐसे लोग सीधे तौर पर देश की न्यायपालिका के खिलाफ हैं।
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इसलिए हम निवेदन करते हैं कि माननीय अदालत दूसरे मामलों की तरह इसका भी संज्ञान ले और ऐसे लोगों को चेतावनी दे जिनके बयानों से शांति व मुल्क की फिजा खराब होने खतरा बना हुआ है। मौलाना मदनी ने दो टूक कहा कि देश की सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले पर बेतुके ब्यान देने वालों की मंशा यही है कि देश की शांति व्यवस्था व फिजा खराब होकर सांप्रदायिक माहौल स्थापित हो। जिसका वह लाभ उठा सकें।
मौलाना अरशद ने कहा कि देश का मुसलमान देशभक्त नागरिक होने का सुबूत देते हुए सब्र के साथ अदालत के फैसले का इंतेज़ार कर रहा है। क्योंकि उन्हें न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास है और आश्वस्त है कि माननीय अदालत इस महत्वपूर्ण मामले में आस्था की बुनियाद पर नहीं बल्कि तथ्यों की बुनियाद पर ही फैसला सुनाएगी।
चुनाव से पूर्व देश में ध्रुवीकरण की सियासत में लगे हुए लोग
इस मामले पर कोर्ट के बाहर हो रही बयानबाजी पर प्रतिक्रिया देते हुए खादिमुल हुज्जाज मौलाना हसीब सिद्दीकी ने कहा कि अध्यादेश लाकर मंदिर बनाने की बात करने वाले एक बार फिर सोची समझी रणनीति के तहत चुनाव से पूर्व देश में धु्रवीकरण की सियासत में लगे हुए हैं। खादिमुल हुज्जाज ने कहा कि वह अचम्भित हैं कि सत्ता हासिल करने के लिए अपने आपको राष्ट्रभक्त कहने वाले लोग किस तरह देश की सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा से खिलवाड़ कर रहे हैं। कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही बेहद जरूरी है।
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मुसलमान न्याय पालिका पर भरोसा रखता है
फतवा ऑन मोबाइल के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी, अलन कुरआन फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी, तंजमी अब्नाए दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने कहा कि देश का मुसलमान न्याय पालिका पर भरोसा रखता है, इसी लिए इस सम्बंध में ब्यानबाजी नहीं करता। जो लोग ब्यानबाजी कर रहे हैं वह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हैं। कोर्ट और संविधान को न मानने की बात करने वाले ध्रवीकरण की सियासत कर देश को साम्प्रदायिकता की भटटी में झौंकने का प्रयास कर रहे हैं। जिनके खिलाफ देश से मोहब्बत करने वाले हर व्यक्ति को आवाज उठानी चाहिए।