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Muzaffarnagar: शिक्षकों को डीआईओएस ने दी चेतावनी, जींस व टीशर्ट पहनकर ने स्कूल आने पर होगी कार्रवाई
Muzaffarnagar News: विद्यालयों में अनुशासन को लेकर मुजफ्फरनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र कुमार ने यह आदेश जारी किया है उनका कहना है कि स्कूलों में अब शिक्षक शालीन कपड़े पहनकर आएंगे।
Muzaffarnagar: जींस टीशर्ट पहनकर स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों को मुजफ्फरनगर जनपद के डीआईओएस ने चेतावनी दी है कि अगर कक्षा 6 से इंटर तक के किसी भी स्कूल कॉलेज में कोई भी अध्यापक अगर जींस टीशर्ट या फिर टाइट कपड़े पहनकर स्कूल में आता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने जारी किए आदेश
दरअसल आपको बता दें कि विद्यालयों में अनुशासन को लेकर मुजफ्फरनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र कुमार (District School Inspector Rajendra Kumar) ने यह आदेश जारी किया है उनका कहना है कि स्कूलों में अब शिक्षक शालीन कपड़े पहनकर आएंगे चटकीले टाइट और जींस टीशर्ट पहन कर नहीं आएगा और अगर कोई शिक्षक आदेशों का पालन नहीं करेगा तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। साथी महिला शिक्षिकाओं को भी चेताया गया है कि साड़ियां सूट पहनकर अगर वह स्कूलों में आती हैं तो वह शालीन होने चाहिए टाइट नहीं क्योंकि स्कूलों में बच्चे अध्यापकों का अनुसरण करते हैं जिसके चलते उन पर इन सब का गलत प्रभाव पड़ता है।
यह अनुशासन का मामला है और विद्यालयों में अनुशासन बहुत जरूरी है: निरीक्षक
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए मुजफ्फरनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र कुमार ने बताया कि यह अनुशासन का मामला है और विद्यालयों में अनुशासन बहुत जरूरी है। अनुशासन की केवल बच्चों से ही अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। अनुशासन की अपेक्षा हम शिक्षकों से भी करें। क्योंकि जब वह अनुशासित होंगे, तो जाहिर सी बात है इसका बच्चों पर भी असर अच्छा ही जाएगा। इसलिए यह अपेक्षा की गई है कि सभी शिक्षक शालीन कपड़े पहन कर अपने अध्यापन के लिए विद्यालय में आएं।
शालीन का अर्थ है कि आप शादी शर्ट और पेंट पहने और चटकीले भड़कीले कपड़े जींस टीशर्ट ना पहने यह चीजें बच्चों पर गलत प्रभाव डालती हैं। इसमें टीचर की पर्सनैलिटी भी बहुत अच्छी नहीं लगती है। अगर आपको पहनना है तो आप इन्हें अपने पर्सनल यूज़ के लिए घर पर पहने अपने कार्यक्रमों में पहने लेकिन स्कूल में हर एक टीचर को यह अनिवार्य होगा कि वह अपनी शर्ट और पैंट पहन कर आएगा। इ
सी तरह से हमारी जो महिला शिक्षक हैं वह भी शालीन कपड़ों में रहे साड़ी पहने या सलवार कुर्ता जो भी पहने वह भी बहुत शालीन होना चाहिए। बहुत ज्यादा तड़क-भड़क या टाइट कपड़े ना हो उसका भी ध्यान रखा जाना बहुत जरूरी है। अधिकतर जो शिक्षक हैं वह इस को फॉलो भी कर रहे हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे शिक्षक और प्रिंसिपल हैं जो अभी भी टी-शर्ट और जींस पहने दिखाई देते हैं।
आदेश का पालन नहीं करने पर होगी कार्रवाई
निरीक्षक ने कहा कि यह अनुरोध है कि वह इस तरीके के कपड़े स्कूल में पहन कर ना आए अपने घर पर पहने और अगर आदेश का पालन सही प्रकार से नहीं होगा, तो हम लोग इसमें पहले उसके लिए चेतावनी जारी करेंगे। उसके बाद जो अनुशासनात्मक कार्रवाई है जो विभाग द्वारा नियत है आचरण संहिता के अंतर्गत आचरण नियमावली है इसको पालन करना बहुत जरूरी है सभी के लिए वरना हम कार्रवाई करने को विवश होंगे इसमें पहले चेतावनी दी जाती है। उसको मौका दिया जाता है कि मैं अपनी गलती सुधार ले और अगर वह सुधार नहीं करता है तो उसकी बेड एंट्री होगी और बेड एंट्री का आचरण निश्चित रूप से उसके प्रमोशन इंक्रीमेंट और बोनस इन सब चीजों पर उसका असर पड़ता है। अगर शैक्षिक संस्थाओं का प्रवेश अच्छा रहेगा तो उसका असर बहुत लंबे समय तक रहता है।
अध्यापक के लिए ड्रेस कोड होना बहुत जरूरी है: प्रिंसिपल
वही इस बारे में डीएवी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल सुनील शर्मा का कहना है कि यह बहुत अच्छी बात है एक अध्यापक के लिए ड्रेस कोड होना बहुत जरूरी है। ड्रेस कोड पहले भी था मैं अपने विद्यालय की बात बता रहा हूं। हमारे यहां तो ड्रेस कोड पहले से ही लागू है कोई भी शिक्षक हमारा जींस टीशर्ट में नहीं आता, पहले से ही प्रॉपर एड्रेस में आते हैं। शिक्षक एक आदर्श होता है बच्चों के लिए अध्यापक से बहुत अपेक्षाएं होती हैं। इसलिए यह बहुत अच्छी बात है और जरूरी भी है। बच्चे अध्यापक का अनुसरण करते हैं। इसलिए अध्यापक को ऐसे कपड़े स्कूल में नहीं पहनने चाहिए वह अपने घर पहन सकते हैं।