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BKU अराजनीतिक ने जलाई 'गन्ने की होली', मूल्य 450 रुपए करने के लिए किया निकाला जुलूस, कलेक्ट्रेट पर किसानों का प्रदर्शन
Muzaffarnagar News: नीरज पहलवान ने कहा, हमारी औलाद से भी प्यारी फसल है। इसे हमने साल भर पाला है। उसकी भी हमने होली जलाई। हमें बहुत मजबूरी में ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इस आंदोलन में अगर हमें खुद की भी आहुति देनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे।
Muzaffarnagar News : मुजफ्फरनगर जिले में गन्ने की कीमत में वृद्धि को लेकर सोमवार (15 जनवरी) को भी किसानों का धरना जारी रहा। जिला कलेक्ट्रेट पर पिछले 14 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (BKU) अराजनीतिक का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए आज यूनियन के कार्यकर्ताओं और सैकड़ों किसानों ने ढोल-नगाड़ों के साथ नगर में जुलूस निकाला। वहीं, कलेक्ट्रेट परिसर में किसानों ने 'गन्ने की होली' जलाई।
14 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना जारी
आपको बता दें, कि गन्ने के दाम में बढ़ोतरी को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) अराजनीतिक का जिला कलेक्ट्रेट परिसर में पिछले 14 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना जारी है। इसी क्रम में आज सरकार पर दबाव बनाने के लिए यूनियन के कार्यकर्ताओं और सैकड़ों किसानों ने सड़क पर ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला। किसानों का यह जुलूस जिला कलेक्ट्रेट से शुरू होकर नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए वापस धरना स्थल पर लौटकर समाप्त हुआ। जिसके बाद यहां किसानों ने 'गन्ने की होली' के साथ अपना रोष प्रकट किया।
...तो करेंगे किसान महापंचायत
भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के द्वारा यह घोषणा भी की गई है कि, 'अगर जल्द ही सरकार 450 रुपए प्रति कुंतल गन्ने का मूल्य घोषित नहीं करती तो आने वाले 17 मार्च को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया जाएगा। अगर, 27 मार्च तक समस्या का समाधान नहीं होता है तो इलाहाबाद वार्षिक अधिवेशन में बहुत बड़ी किसान महापंचायत का निर्णय भी लिया जाएगा।'
14 दिन से धरने पर बैठे हैं, सरकार नहीं ले रही सुध
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के सहारनपुर मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान ने बताया कि, 'हम यहां 14 दिन से धरने पर बैठे हैं। सरकार की तरफ से कोई सुध नहीं ली जा रही। बार-बार मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे हैं कि रेट बढ़ाएंगे, तो कब बढ़ाओगे? 10-5 रुपए बढ़ाकर जनता को पागल बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें रेट बढ़ाने पड़ेंगे। अगर, इन्हें चुनाव का फायदा लेना है तो इन्हें नुकसान होगा। जनता सब समझ रही है। हमने हाथ में झंडा और तिरंगा लेकर यात्रा निकाली है। शहर वासी और गांव से लोगों को जगाने का काम किया।'
किसान का उत्पीड़न ऐसे ही होता रहेगा
नीरज पहलवान ने कहा, हमारी औलाद से भी प्यारी फसल है। इसे हमने साल भर पाला है। उसकी भी हमने होली जलाई। हमें बहुत मजबूरी में ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इस आंदोलन में अगर हमें खुद की भी आहुति देनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ये इस देश का दुर्भाग्य है। आपने देखा होगा अगर कोरोना में इस देश को बचाने का काम किया है तो वह खेती और किसान ने किया। जब तक किसान की खुद की सरकार नहीं होगी किसान का उत्पीड़न ऐसे ही होता रहेगा।'
प्राणों की आहुति भी देनी पड़ी तो देंगे
उन्होंने कहा, चौधरी चरण सिंह जी ने किसान के लिए काम किया था। उसके बाद किसी सरकार ने किसान के लिए काम नहीं किया। इसीलिए हम सब अपना आदर्श बाबा टिकैत को मानते हैं। उन्होंने किसानों के लिए काम किया। अब भारतीय किसान यूनियन अराजनितिक के बैनर तले यह 14 दिन से धरना जारी है। धर्मेंद्र मलिक के नेतृत्व में ये धरना चल रहा है। जब तक इसे अंजाम तक नहीं पहुंचा देंगे, भले ही यहां जिले के या मंडल के कितने भी कार्यकर्ता है उन्हें अपने प्राणों की आहुति भी इस आंदोलन में देनी पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे।'