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Muzaffarnagar News: कोर्ट ने दी बलत्कारी को 10 वर्ष की कठोर कारावास, जाने क्या है पूरा मामला?
Muzaffarnagar News: आरोपी युवक ने पीड़िता को पत्नी बनाकर रखा था आरोप था कि इस दौरान आरोपी युवक ने पीड़िता के साथ लगातार बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था।
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित न्यायालय ने बुधवार को प्रेम प्रसंग में शादी का झांसा देकर बलात्कार करने के एक मामले में आरोपी युवक को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 30 हज़ार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित भी किया है।
क्या था पूरा मामला?
दरसअल 9 फरवरी 2019 को नगर कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था मजिसमें पीड़िता ने यह शिकायत की थी कि सुनील उर्फ बंटी नाम के एक युवक ने 3 साल पूर्व प्रेम प्रसंग के चलते उसे हरिद्वार बुलाया था। जहां आरोपी युवक ने पीड़िता को पत्नी बनाकर रखा था आरोप था कि इस दौरान आरोपी युवक ने पीड़िता के साथ लगातार बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। जिसके चलते वह गर्भवती हो गई थी जिसके बाद आरोपी युवक ने पीड़िता से रिश्ता तोड़ लिया था।
इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी युवक सुनील उर्फ बंटी के विरुद्ध उस समय धारा 363 और 376 आईपीसी में मुकदमा दर्ज कर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में आज न्यायालय ने आरोपी युवक को 10 वर्ष के श्रम कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए ₹30000 के आर्थिक दंड से दंडित किया है। जिसके बाद आरोपी युवक को पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए शासकीय अधिवक्ता दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि आज न्यायालय विशेष सत्र न्यायाधीश प्रधान कोर्ट मुजफ्फरनगर में पीठासीन अधिकारी बाबूराम द्वारा सरकार बनाम सुनील उर्फ बंटी को अंतर्गत धारा 363, 376 आईपीसी थाना कोतवाली में 10 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास व ₹30000 के अर्थ दंड से संबंधित किया गया है। इस घटना की एफआईआर 09 सितंबर, 2019 मे हुई थी। इस घटना के अनुसार पीड़िता ने बताया की बंटी ने मुझे हरिद्वार बुलाया था। मैं हरिद्वार चली गई वहां जाकर इसने मुझे पति-पत्नी की तरह रखा जिस दौरान मैं गर्भवती हुई और इस पूरे ट्रायल में दो फैक्ट के गवाह प्रस्तुत किये गए। दिनेश कुमार शर्मा विशेष लोक अभियोजक व मनमोहन वर्मा ने प्रभावी पैरवी की और शेष बचाव पक्ष के एडवोकेट ने जो दस्तावेज साक्ष्य थे उनकी औपचारिक सत्यता स्वीकार की।