Muzaffarnagar News: ढाबा मालिक ने मुस्लिम कर्मचारियों मुंशी, शफक्कत, वकार और राजू को नौकरी से हटाया, दावा-पुलिस के कहने पर किया

Muzaffarnagar News: कांवड़ यात्रा की वजह से यूपी के मुजफ्फरनगर में दुकान और ढाबे के सामने मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने के निर्देश के बाद अब एक नया मामला सामने आया है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 19 July 2024 4:51 AM GMT (Updated on: 19 July 2024 9:45 AM GMT)
Muzaffarnagar News: ढाबा मालिक ने मुस्लिम कर्मचारियों मुंशी, शफक्कत, वकार और राजू को नौकरी से हटाया, दावा-पुलिस के कहने पर किया
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ढाबा मालिक ने मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से हटाया  (photo: social media )

Muzaffarnagar News: यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल और दुकान मालिकों के नाम लिखने के आदेश के बाद जहां इसका विपक्ष जमकर विरोध कर रहा है तो वहीं अब एक नया मामला सामने आया है। प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दिल्ली-देहरादून हाइवे पर स्थित साक्षी होटल के मालिक ने चार मुस्लिम कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है। ढाबे के मालिक लोकेश भारती का दावा है कि उन्होंने ऐसा पुलिस के कहने पर किया है। उनका कहना है कि पुलिस की एक गाड़ी उनके पास आई और कहा कि आप मुस्लिम लड़कों को नहीं रख सकते हैं।

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ढाबे के मालिक ने कहा, पुलिसवाले ढाबे पर आए और सबसे पहले कहा कि यहां 6 बाई 4 का एक प्रोपराइटर बोर्ड लगाइये और यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पहचान पत्र लेकर रखने के लिए कहा। इसके बाद कहा कि जो भी मुस्लिम वर्कर हैं अब आप उन्हें नहीं रखेंगे। ढाबा मालिक ने आगे कहा, पुलिसवाले के कहने के बाद मैंने मुंशी, शफक्कत अली, वकार और राजू (मुस्लिम) को नौकरी से हटा दिया। जब ढाबा मालिक से पूछा गया कि किस थाने की पुलिस ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा तो ढाबा मालिक लोकेश भारती ने कहा, इस बारे में मैं कह नहीं सकता लेकिन वो पुलिसवाले ही थे।

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वीएचपी ने फैसले का किया समर्थन

वहीं बता दें कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों के आगे मालिकों के नाम लिखने के निर्देश का समर्थन किया है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबे के मालिकों के नाम लिखने के निर्देश को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना पर वीएचपी ने कहा कि हिंदुओं की आस्था की रक्षा के लिए यह आवश्यक था।

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विपक्ष ने उठाया सवाल

बता दें कि वीएचपी की ये प्रतिक्रिया कांग्रेस के उस बयान के बाद सामने आई है जिसमें कहा गया था कि मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश भारत की संस्कृति पर हमला है। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस तरह के आदेश के पीछे का इरादा मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार को सामान्य बनाना है। वहीं एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस आदेश को भेदभावपूर्ण बताया और आरोप लगाया कि इससे पता चलता है कि योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आदेश को सामाजिक अपराध करार दिया और अदालतों से मामले का स्वतः संज्ञान लेने को कहा है।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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