TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Protest Against UCC: यूसीसी का विरोध, मस्जिदों में लगे बार कोड, लोगों से मांगी राय

Protest Against UCC: जमीयत ए उलेमा हिंद ने यूसीसी का विरोध करते हुए लोगों से अपील की है कि वह अपनी राय दें। इस दौरान जुम्मे की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने मोबाइल से बारकोड को स्कैन कर इस पर अपनी राय भी दी है।

Amit Kaliyan
Published on: 15 July 2023 6:38 PM IST

Muzaffarnagar News: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के विरोध में जुम्मे की नमाज के बाद जमीयत ए उलेमा हिंद द्वारा मुजफ्फरनगर जनपद में मस्जिदों के बाहर एक बार कोड जारी किया गया था।

बारकोड जारी कर जमीयत ए उलेमा हिंद ने यूसीसी का विरोध करते हुए लोगों से अपील की है कि वह अपनी राय दें। इस दौरान जुम्मे की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने मोबाइल से बारकोड को स्कैन कर इस पर अपनी राय भी दी है। यूसीसी को लेकर जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रदेश सचिव मौलाना कारी जाकिर हुसैन ने बताया कि जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने यह अपील की थी कि 14 जुलाई को यौमे दुआ के नाम से मनाया जाएगा।

इस दौरान जमीयत उलेमा ए हिंद ने एक बार कोड जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वह अपनी राय दें क्योंकि यूसीसी इस वक्त देश के लिए मुनासिब नहीं है। जिसके चलते जमीयत उलेमा ए हिंद ने लोगों से अपील की है कि वह अपनी राय दें रिजेक्ट यूसीसी, नो यूसीसी। हम यूसीसी को एक्सेप्ट नहीं करते क्योंकि यह संविधान के विपरीत है।

बारकोड लॉ कमीशन ने राय मांगी

जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रदेश सचिव कारी जाकिर हुसैन की मानें तो आज जुमे की नमाज के बाद जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी साहब की तरफ से अपील थी कि मुल्क की एकता, अमन व शांति के लिए जुमे के दिन 14 जुलाई को यौमे दुआ के नाम से मनाया जाये व जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों में दुआ हुई है। देश की एकता व अखंडता के लिए व अमन और शांति के लिए, यह बारकोड लॉ कमीशन ने राय मांगी है। समान नागरिक संहिता के संबंध में एवं 14 जुलाई 2023 इसमें आखिरी तारीख थी। तो जमीयत उलेमा ए हिंद ने एक बार कोड जारी किया है व लोगों से अपील की है कि उस पर अपनी राय दें।

क्योंकि यूसीसी हमारा ऐसा मानना है कि यह देश के लिए इस वक्त में मुनासिब नहीं है एवं इस तरह के मुख्तलिफ तबकात व मुख्तलिफ सोच, मुख्तलिफ कल्चर अलग-अलग रंग व ढंग से लोग अपनी अपनी जिंदगी गुजारते हैं तो उन सब को इग्नोर करके और सिविल कोड का लाना हम लोग इसे उचित नहीं मानते हैं, लोगों ने राय नहीं रखी। लोगों ने तो जीमयत उलेमा ए हिंद की अपील को फॉलो करते हुए उस बारकोड के जरिए से अपनी राय भेज दी है।‘ रिजेक्ट यूसीसी ‘व‘ नो यूसीसी ‘हम यूसीसी को एक्सेप्ट नहीं करते क्योंकि यह बलाय रास्ते संविधान के विपरीत है एवं डायरेक्ट संविधान को यह कहीं ना कहीं तोड़ रहा है।

संविधान ने जहां हमें शरीयत के हिसाब से आजादी दी है, हम उस शरीयत के हिसाब से जिंदगी गुजारेंगे व जो आदिवासी हंै उनके लिए जो सहूलात है तो कहीं ना कहीं मुतासिर हो रही है। एससी एसटी के ग्वालिन है वह मुतासिर हो रहे हैं तो मुल्क के अलग-अलग जो तबकात हैं उन सबको कहीं ना कहीं मुतासिर कर रहे हैं। देखिए अभी अगर यूसीसी लागू होता है तो वह बाद की बात है फिलहाल अभी इतना है कि उस पर लॉ कमीशन ने राय मांगी है तो हमने राय भेज दी और लोगों से अपील कर दी कि आप उस पर राय दे दंे कि हमें यूसीसी कबूल नहीं है और ना आज कबूल है ना इन्दा..... कबूल है।

यह कानून लागू नहीं होना चाहिए

तो वहीं मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा करने आए लोगों ने भी यूसीसी के खिलाफ वोट करते हुए कहा है, यह कानून लागू नहीं होना चाहिए।जहां एक मुसलिम आम व्यक्ति हाजी अंजुम कुरैशी ने बताया कि हमने यह बारकोड स्कैन इसलिए किया है जो भी यूसीसी कानून आ रहा है तो हम उसके खिलाफ यह मुजायरा कर रहे हैं व इसी के खिलाफ हम इसको स्कैन कर रहे हैं, इससे यह संदेश जाएगा कि देश में जो कानून थोपा जा रहा है। खासकर मुस्लिमों व दूसरी कौमों पर। जो कानून हमारे चले आ रहे हैं तो उनको कायम रखने के लिए हम यह चाहते हैं कि यह कानून ना लाया जाए।

तो वहीं स्थानीय नागरिक सूफी दिलनवाज की मानें तो यह दरअसल इद्दत के खिलाफ है ना तो हमारे यहां शरीयत में इद्द्त होना बहुत जरूरी है और जो शरीयत है वह हमारा कानून है और जो हमारे सरकारे वजीरआना शरीयत लाए हैं उस पर ही हमें कायम रहना है क्योंकि यह बहुत जरूरी है तो इसके खिलाफ हमने वोट दिया है। यह लागू नहीं होना चाहिए और यह जरूरी ही नहीं है क्योंकि जो शरीयत है वही कायम रहेगी और शरीयत के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।



\
Amit Kaliyan

Amit Kaliyan

Next Story