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Muzaffarnagar News: नरेश टिकैत की बड़ी मांग, प्रदेश चार हिस्सों मे बांटें, शादी ब्याह में सुप्रीम कोर्ट दखल ना करे

Muzaffarnagar News: नरेश टिकैत उत्तर प्रदेश के बंटवारे पर बोलते हुए कहा कि हमने पहले ही कह दिया था कि प्रदेश के चार हिस्से होने चाहिए छोटे-छोटे उसमें छोटा खेत हो, छोटा परिवार हो, उसमें आमदनी और बहुत कुछ विकास भी होगा।

Amit Kaliyan
Published on: 18 Sept 2024 6:07 PM IST
Muzaffarnagar News
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Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर जनपद में बालियान खाप के चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने एक बार फिर से सगोत्रीय विवाह पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि विवाह शादी के मामलों में सुप्रीम कोर्ट हिस्सा ना लें जिस परंपरा से जो करता आ रहा है उसमें छेड़छाड़ ना करें, यह हमारा निजी मामला है, इसमें वह छेड़छाड़ ना करें जभी अच्छा है। इसके अलावा उन्होंने सूबे के चार हिस्से करने की मांग रखी है।

नरेश टिकैत का कहना है कि इस तरह के मामले शहरों में तो चल जाते होंगे, लेकिन जो हमारी ग्रामीण संस्कृति है उसमें गोत्र भी बचाना पड़ता है। गांव के गांव में शादी भी बचानी पड़ती है। रिश्ते नाते भी बचाने पड़ते हैं। सारी बात देखनी पड़ती है और सुप्रीम कोर्ट इसमें उन्हें सुरक्षा भी देती है। उन्होंने कहा कि गलती तो वह कर रहे हैं, फिर सुरक्षा किस नाम की देते हैं। कौन किस को मार रहा है। पर जब कोई इस तरह के कदम उठाता है तो उनके घर के और परिवार वाले वह सख्त होते हैं तो वह कुछ भी घटना कर देते हैं। हालांकि हम इसके पक्ष में नहीं हैं पर इस तरह के आदमी ऐसे हालात पैदा कर देते हैं यह हालत पैदा नहीं होने चाहिए।

नरेश टिकैत उत्तर प्रदेश के बंटवारे पर बोलते हुए कहा कि हमने पहले ही कह दिया था कि प्रदेश के चार हिस्से होने चाहिए छोटे-छोटे उसमें छोटा खेत हो, छोटा परिवार हो, उसमें आमदनी और बहुत कुछ विकास भी होगा। उनका कहना है कि अगर हम खेत में पानी देंगे, तो पानी भी कम लगेगा और पैदावार भी ज्यादा होगी। उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं। बहुत से आदमी जिले का नाम भी नहीं बता सकते। 17, 18 जिलों का एक स्टेट बने तो विकास की बातचीत चले और अपराध पर भी काबू हो। उन्होंने कहा हमने एक सलाह दी थी और कहा था कि मेरठ मंडल और सहारनपुर मंडल में 9 जिले हैं। इसमें हरियाणा में से कुछ हिस्सा मिलाया जा सके है। कुछ बिजनौर के साइड जिले हैं उन्हें उत्तराखंड में मिलाया जा सके गै। अगर प्रदेश का बंटवारा जो इस तरह के छोटे प्रदेश हैं, उनमें मिला कर किया जाए तो जो समस्या है, उसका समाधान हो जाएगा।

Shalini singh

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