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Muzaffarnagar News: संभल हिंसा पर बोले कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, कहा- 'लाशों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए'
Muzaffarnagar News: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय निषाद ने संभल घटना पर कहा कि "न्यायिक प्रक्रिया में लोगों को साथ देना चाहिए। इस घटना की न्यायिक जांच कमेटी बन गई है जिसके चलते अब सब 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो जाएगा।
Muzaffarnagar News: निषाद पार्टी की 'संवैधानिक अधिकार रथ यात्रा' सोमवार को सहारनपुर के शाकुंभरी देवी से चलकर मुजफ्फरनगर पहुंची थी। इस दौरान इस यात्रा की अगुवाई कर रहे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय निषाद ने संभल घटना के बाद अब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं द्वारा संभल जाने को लेकर कहा कि "मैं समझता हूं कि संभल की घटना एक सुनियोजित योजना थी, लेकिन अब लाशों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए" उन्होंने कहा कि "न्यायिक प्रक्रिया में लोगों को साथ देना चाहिए। इस घटना की न्यायिक जांच कमेटी बन गई है जिसके चलते अब सब 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो जाएगा।
सहारनपुर से सोनभद्र तक जाएगी रथ यात्रा
डॉ संजय निषाद ने बताया कि ' यह रथ यात्रा सहारनपुर के शाकुंभरी देवी से शुरू होकर सोनभद्र तक जाएगी। जो शोषित वंचित समुदाय हैं जिसने सबसे ज्यादा अंग्रेजों से लड़ने वाली578 जातियां हैं। जिसमें कश्यपो, साधवो, धीवर, कहार, केवट, मल्लाहों की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि आक्रमणकारी जमीन के रास्तों से नहीं, नदी के रास्ते देशआए थे और सबसे पहले उनका सामना इन्हीं सभी जातियों से हुआ था। अंग्रेज आक्रमणकारियों ने उन्हें कानून बनाकर उजड़ा था जो उस समय क्रिमिनल कास्ट घोषित हो गईं। उन्हें फिर से बसाने के लिए भारत में पहली बार एक इंक्वायरी कमेटी 1949- 50 के अनुसार इन्हें 74 प्रकार की व्यवस्था देकर इनका मुख्य धारा में विकास के लिए लाया गया।
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान बना, उसमें माझवार और गोत्रया, मनवार और तूराहा जातियां हैं जिनकी उपजातियां हैं केवट, मल्लाह, बिन्द, कश्यप, धीवर, कहार, सब यह अनुसूचित जाति 1931 से लेकर 1991 तक गिनती होती थी। लेकिन इनकी उप जातियों को पिछड़ी जाति से निकालकर उनके हक हिस्से को रोका गया।
लाशों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए- संजय निषाद
वहीं संभल हिंसा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 'लाशों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, हम सब को मिलकर इस उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिए दंगा रहित करने के लिए माफिया रहित करने के लिए काम करना चाहिए। विपक्ष के पास बयान बाजी के अलावा कुछ नहीं है। न न्यायिक जांच पर भरोसा करो, न जांच पर भरोसा करो, न्यायालय पर भरोसा करो। भारत के कानून पर भरोसा करो।