Muzaffarnagar News: मुज़फ्फरनगर की बेटी ने उंचा किया देश का नाम, पेरिस पैरालंपिक में 100 मीटर रेस में जीता कांस्य पदक

Muzaffarnagar News: पेरिस पैरालंपिक में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की बेटी प्रीति पाल ने 100 मीटर की एथलेटिक्स T35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर देश का नाम उंचा करने का काम किया है।

Amit Kaliyan
Published on: 31 Aug 2024 2:24 PM GMT
Preeti Pal won bronze medal in 100 meter race in Paris Paralympics
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 प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक में 100 मीटर रेस में जीता कांस्य पदक: Photo- Newstrack

Muzaffarnagar News: पेरिस पैरालंपिक में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की बेटी प्रीति पाल ने 100 मीटर की एथलेटिक्स T35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर देश का नाम उंचा करने का काम किया है। दरअसल, मुजफ्फरनगर जनपद के हशमपुर गांव निवासी अनिल पाल की बेटी प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक में कल महिलाओं की 100 मीटर T35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है।

आपको बता दें कि प्रीति पाल ने 14 .21 सेकंड में अपना पर्सनल बेस्ट दिखाते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है। जानकारी के मुताबिक प्रीति पाल को बचपन में ही सेरेब्रल पाल्सी नाम की बीमारी थी। जिसके लिए उसके परिवार के द्वारा उसका उपचार भी कराया गया था। प्रीति पाल ने कक्षा 5 तक हशमपुर अपने गांव मैं ही शिक्षा ग्रहण की है उसके बाद वह अपने दादा-दादी के पास मेरठ में चली गई थी जहां पर प्रीति ने अपनी आगे की पढ़ाई के साथ-साथ कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है।


प्रीति पाल ने जीता कांस्य पदक

प्रीति पाल के पिता अनिल कुमार पाल ने बताया कि मेरी लड़की का नाम प्रीति पाल है एवं उसने कांस्य पदक जीता है, जो प्रीति पाल है उसको पैरों में कमी तो थी और विकलांग थी एवं जब वह पैदा हुई तो हमने उसके पैरों की मालिश की उसके बाद प्लास्टर कराया और प्लास्टर करने के बाद पैरों के जूते बनवाएं इसके बाद उसके पैर थोड़ा-थोड़ा सही हुए। हमने डॉक्टर को भी दिखाया और दवाई कराई और दवाई करने के बाद ठीक हुई थी। उसको चलने में बहुत दिक्कत होती थी चला नहीं जाता था बहुत दिक्कत रहती थी। यह यहां बहसूमा सिक्स क्लास में पढ़ती थी उसके बाद जीपीएस स्कूल में सिक्स क्लास में मेरठ इसका एडमिशन कराया।

हमने बहुत मेहनत मजदूरी करके उसकी फीस जमा कराई एवं बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ा। यह चार बहन भाई हैं जिसमें दो बेटी और दो बेटे हैं। हमें बहुत अच्छा लग रहा है कि हमारी मेहनत को कामयाबी मिली है और सारे परिवार सहित पूरे गांव और क्षेत्र में सबको खुशी है, लोग कहते थे कि विकलांग है बड़ी दिक्कत हो जाएगी और लड़की है शादी-ब्याह में भी दिक्कत आएगी और आज कहते हैं की लड़की ने बहुत अच्छा किया है। हम सब मोबाइल और टीवी पर देख रहे थे। मेरठ में रहते थे वही अपना मकान है तो वहीं पर पढ़ते थे। हमें खुशी है बहुत ज्यादा के पूरे विश्व व देश में नाम रोशन किया है।

तो वही हशमपुर गांव प्रधान रवि की माने तो यह हमारे गांव की लड़की है उनके पिताजी का नाम अनिल कुमार है और यह दूधिया का काम करते हैं जिनकी डेयरी है। ज्यादा गरीब परिवार से है और यह सिक्स क्लास तक यही गांव में पढ़ी थी उसके बाद दादा-दादी के साथ मेरठ चली गई थी और वहीं पर पढ़ी और कोचिंग किया और रेसिंग की तैयारी की और उनके पैर में दिक्कत है उसके बावजूद भी इन्होने हर नहीं मानी और इनको 30 तारीख में पेरिस में रजत पदक से इनको सामान सम्मान मिला है हमारे गांव की लड़की तीसरे स्थान पर है।

परिवार में खुशी का माहौल

देखिए परिवार में तो खैर खुशी का माहौल है ही लेकिन मैं तो यह कहूंगा कि पूरे देश में खुशी का माहौल है और हमारी बहन ने बहुत बड़ी उपलब्धि पूरे देश के लिए हासिल की है तो मैं अपने ग्रामवासीय और देशवासियों को यही कहना चाहूंगा कि जैसे हमारी बहन ने मेहनत की है और उनके पिताजी बता रहे थे कि जो लड़की प्रीति पाल है।


मैं गेम में ही जाऊंगी

उन्होंने कभी भी अपनी पढ़ाई पर जोर नहीं दिया और कहा कि मैं गेम में ही जाऊंगी लेकिन पढ़ाई के चलते-चलते भी आज लड़की ने एमबीए में एडमिशन लिया है और पढ़ाई भी कर रही है और रेसिंग गेम में भी है। यह दो भाई और दो बहन है एवं यह दूसरे नंबर की लड़की है और पहले उनकी बड़ी बहन है जो एमबीए करके जॉब कर रही है और इन्होंने भी एमबीए की है और रेसिंग में भी है।

Shashi kant gautam

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