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Muzaffarnagar News: किसान मजदूर पंचायत में राकेश टिकैत की दहाड़, आठ प्रस्ताव किए गए पारित
Muzaffarnagar News: किसान मजदूर पंचायत में आसपास के जनपदों से बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया था इस पंचायत के दौरान टिकैत बंधु राकेश टिकैत और नरेश टिकैत ने सरकार पर जमकर अपनी बढ़ास भी निकली ।
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी में आज संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के द्वारा किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर किसान मजदूर पंचायत का आयोजन किया गया था। जिसमें आसपास के जनपदों से बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया था इस पंचायत के दौरान टिकैत बंधु राकेश टिकैत और नरेश टिकैत ने सरकार पर जमकर अपनी बढ़ास भी निकली ।
पंचायत के दौरान आठ कृषि एजेंडो पर चर्चा की गई थी जिसके बाद किसानों की इन आठ मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी जिला प्रशासन को दिया गया था । इस पंचायत ने जो आठ प्रस्ताव पारित किए हैं उनमें गन्ना, व्यापक ऋण माफी, एमएसपी गारंटी कानून, एनजीटी व जीएसटी मुक्त खेती, विद्युत निजीकरण व संस्था निजीकरण, जेनेटिकली मोडिफाइड बीज, भूमि अधिग्रहण, एनपीएफ ऑन एएम आदि शामिल है। इस पंचायत में ये भी ऐलान किया गया कि नवंबर या दिसंबर में एक बड़ी खाप पंचायत मुजफ्फरनगर के अंदर आयोजित की जाएगी जो करीब 15 साल बाद होगी।
जिसकी जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि-
"यह जनता के प्रस्ताव हैं कि हमको यह चीज चाहिए अपने उन्होंने प्रस्ताव पास करें और वह संयुक्त मोर्चे को भी ज्ञापन दिया है और यहां पर भी दिया है प्रस्ताव पास करके दे दिए इस पर पूरे देश में इस पर इन पर मीटिंग हो और यहां की सरकार को भी दे दिया कि हमें प्रस्ताव पास कर दिए इन पर काम करो इस पर एक तो बिजली का है बिजली प्राइवेट ना हो गन्ने का रेट बड़े और जो भुगतान नहीं फैक्ट्री दे रही वह भुगतान मिले एसपी कानून गारंटी का है कि यहां की सरकार भी केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखे और हमारी उसे पर बात करें यह भूमि अधिग्रहण हो रही है तो उसे पर सर्किल रेट नहीं बढ़ा वह भी एक इशू है वह बॉर्डर पर पंजाब की जमीन पर आंदोलन चल रहे हैं अभी उसे वाले संगठन से भी बात चल रही है और यह है कि सब किस संगठन एक जगह होकर एक बड़ी लड़ाई की तैयारी करें यह पूरे देश में अभी तो हम मीटिंग करेंगे बॉर्डर पर जाने की जरूरत पड़ी कहां आंदोलन होंगे तो फिर चलना पड़ेगा संयुक्त मोर्चे के लोग यहां पर थे
आज नाराजगी जाहिर अधिकारियों से है हमारी की आधिकारिक काम नहीं कर रहे अगर आपस में झगड़ा हो गए कुछ कहा सुनी हो गई तो मुकदमे दर्द हो गए उनके फैसले फैसला हो गए सुप्रीम कोर्ट तक भी यह कह रहा है कि फैसला हो गए तो इनके मान्यता इनको दी जाए लेकिन पुलिस प्रशासन आपस की बहस अगर हो जाती है तो प्रशासन 307 धारा लगा देता है तो यह पूरे किसान संगठनों को देश की जनता को बांधना चाहते हैं यह अपना स्पष्टीकरण दें अधिकारी पैसे के लेनदेन के भी उन पर मामले हैं उसे पर भी अधिकारी स्पष्ट करें अपनी मीटिंग करी हमने नही होगा तो आंदोलन होंगे यह तो अब अगली मीटिंग सिसौली में होगी 17 तारीख की मासिक जो रूटीन की होती है जिले में तो नहीं जिले में खाप पंचायत नवंबर या दिसंबर में एक बड़ी खास पंचायत अबकी बार मुजफ्फरनगर में होगी और यह करीब 15 साल बाद होगी।"