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Lucknow University: NAAC की टीम आने से पहले तैयारियां अंतिम दौर में, 8 साल पहले मिला था बी ग्रेड
Lucknow University: विश्विद्यालय की क्वॉलिटी को परखने के लिए नैक ग्रेड को अहम माना जाता है। साल 2014 में हुई ग्रेडिंग में एलयू को बी-ग्रेड दिया गया था।
Lucknow: राजधानी के लखनऊ विश्विद्यालय (Lucknow University) का 100 वर्षों से ज़्यादा का इतिहास हो चुका है। न जाने कितने विद्यार्थी यहाँ से ज्ञान अर्जित कर नौकरशाह, वैज्ञानिक, वकील, प्रोफेसर, डॉक्टर और राजनेता सहित अन्य पदों को पाने में सफल हुए। एलयू को प्रदेश में उच्च दर्जे का राज्य विश्विद्यालय माना जाता है। जहां अलग-अलग विभागों के लगभग सारे पाठ्यक्रम पढ़ाये जाते हैं।
बहरहाल, मौजूदा वक़्त में विश्विद्यालय के अंदर नेशनल एसेसमेंट एक्रीटिकेशन काउंसिल (NAAC) के मापदंडों पर ख़ुद की तैयारियों को आज़माने के लिए ओतप्रोत है। हालांकि, यूनिवर्सिटी की सेल्फ एसेसमेंट रिपोर्ट (SAR) को स्वीकृति कर लिया गया है। जिसके बाद, अब 11 से 13 जुलाई तक स्थलीय निरीक्षण के लिए नैक की टीम विश्विद्यालय आएगी।
मूल्यांकन व्यवस्था में हुआ है बदलाव
बता दें कि विश्विद्यालय की क्वॉलिटी को परखने के लिए नैक ग्रेड को अहम माना जाता है। साल 2014 में हुई ग्रेडिंग में एलयू को बी-ग्रेड दिया गया था। जिसके बाद, साल 2016 में नैक ग्रेडिंग की मूल्यांकन व्यवस्था में बदलाव आया है। अब एसएसआर 74 नंबर का और फील्ड विजिट 26 नंबर का हो गया है। लखनऊ विश्विद्यालय के एसएसआर को मान लिया गया है और अब निगाहें 11 से 13 जुलाई तक होने वाले स्थलीय निरीक्षण पर रहेगा।
बीते 2 सालों से चल रही नैक की तैयारी
कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar Rai) ने बताया था कि विवि में नैक की तैयारी दो साल से चल रही है, क्योंकि वर्ष 2018 में ग्रेडिंग पूरी हो गई थी। गौरतलब है कि विश्विद्यालय में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। कई विभागों का नवीनीकरण किया गया है। शताब्दी वर्ष में साज सज्जा भी की गई थी।
इसके अलावा, प्रवेश प्रक्रिया व परीक्षाओं को ऑटोमेशन किया है। साथ ही, छात्र लाउंज, छात्र कल्याण कार्यालय, सामुदायिक शौचालय आदि का निर्माण हुआ है। अब विभाग स्तर पर काम चल रहा है। सभी विभागों को उनका डाक्यूमेंटेशन, वॉल ऑफ फेम, उनके एचीवमेंट अवॉर्ड आदि को अपडेट करने व प्रजेंटेबल बनाने के लिए कहा गया है।