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Nagar Nikay Chunav 2023: आरक्षण पर सपा ने दाखिल की आपत्तियां, इन बिन्दुओं पर असहमत

Nagar Nikay Chunav 2023: 30 मार्च 2023 को जारी आरक्षण सूची में कई खामियां इंगित करते हुए पटेल ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव में कम सीटे आरक्षित करने का विवरण दिया है।

Anant Shukla
Published on: 6 April 2023 6:07 PM GMT (Updated on: 6 April 2023 6:13 PM GMT)
Nagar Nikay Chunav 2023: आरक्षण पर सपा ने दाखिल की आपत्तियां, इन बिन्दुओं पर असहमत
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Samajwadi Party filed objections on reservation

Nagar Nikay Chunav 2023: समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुमन्य आरक्षण से कम आरक्षित सीटें देने पर निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ में आपपत्तियां दाखिल की है। 30 मार्च 2023 को जारी आरक्षण सूची में कई खामियां इंगित करते हुए पटेल ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव में कम सीटे आरक्षित करने का विवरण दिया है।

इन बिन्दुओं पर दर्ज कराई आपत्ति

  • समाजवादी पार्टी ने नियमावली में हुई अनियमितताओं में सभी नियमानुसार संसोधन की मांग करते हुए स्थानीय निकाय निदेशालय के नाम आपपत्तिययां भेजी गयी हैं। सूची में बताया कि नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कुल 544 में जिला बलरामपुर, कानपुर नगर, ललितपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है।
  • जबकि जिला अमेठी, अमरोहा, बलरामपुर, बिजनौर, चन्दौली, गाजियाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, रामपुर, श्रावस्ती, वाराणसी में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है। जिला बलरामपुर, चित्रकूट, इटावा, हापुड, कानपुर नगर, ललितपुर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है।
  • उन्होंने कहा है कि नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कुल 544 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन कई जिलों में कम आरक्षण मिला। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के कुल पद 199 में अनुसूचित जनजाति को एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद में बस्ती एवं देवीपाटन मण्डल में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है।
  • आरोप है कि नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के कुल पद 199 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन कई जिलों में कम आरक्षण मिला। उत्तर प्रदेश में नगर निगम के महापौर पद के लिए कुल 17 पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 3.57 सीटें आरक्षित होनी चाहिए जबकि घोषित आरक्षण में केवल 02 आरक्षित की गयी है। अनुमन्य आरक्षण के अनुपात में 1.57 सीटे कम आरक्षित की गयी है। अनुसूचित जाति को 11 फीसदी आरक्षण दिया गया है।
  • उत्तर प्रदेश में नगर निगम महापौर पद के कुल 17 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 4.59 सीटे आरक्षित होनी चाहिए जबकि घोषित आरक्षण में केवल 4 सीटे ही अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गयी है। अनुमन्य आरक्षण के अनुपात में 0.59 सीटे कम आरक्षित की गयी है। अन्य पिछड़ा वर्ग को 23 फीसदी ही आरक्षण दिया गया है।
  • उत्तर प्रदेश नगर पंचायत अध्यक्षों के कुल पद 544 के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 84 सीटे आरक्षित है जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं का आरक्षण नियमावली के विपरीत अधिक 61 पद आरक्षित कर 75 फीसदी भागीदारी दी गयी है। जबकि अनुसूचित जाति पुरूष के लिए 23 पद (27 फीसदी) आरक्षित है।
  • अध्यक्ष पद के लिए 199 पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति को 24 सीटे आरक्षित है, जिसमें अनुसूचित जाति महिलाओ को आरक्षण नियमावली के विपरीत 16 पद (66 फीसदी) आरक्षित भागीदारी दी है। जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होनी चाहिए।
  • अध्यक्ष पद के कुल पद 544 के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 147 पद आरक्षित किये गये है जिसके सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हेतु 76 पद (51 फीसदी) आरक्षित है। अन्य पिछड़ा वर्ग पुरूष हेतु 71 पद आरक्षित है। जोकि 48 फीसदी होता है।
  • नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए 199 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 53 सीटे आरक्षित की गयी है, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग महिलाओं को आरक्षण नियमावली के विपरीत 23 पद (56 फीसदी) आरक्षित है। जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होनी चाहिए।

सपा की ओर से इन्होने दर्ज कराई आपत्ति

समाजवादी पार्टी की ओर से के.के. श्रीवास्तव, सर्वेश अम्बेडकर, डॉ0 हरिश्चन्द्र सिंह, राधेश्याम सिंह ने नगर निकाय सम्बंधी आपपत्तियों पर चर्चा की।

Anant Shukla

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