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लखनऊ : 577 पक्षियों को मिला आजादी का तोहफा, वजह खास है

Rishi
Published on: 14 Jan 2018 10:10 PM IST
लखनऊ : 577 पक्षियों को मिला आजादी का तोहफा, वजह खास है
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लखनऊ : राजधानी के नवाब वाजिद अली प्राणी उद्यान से रविवार को जब 577 पक्षियों को आजाद किया गया तो नज़ारा देखते ही बनता था। जू के निदेशक आर के सिंह ने बताया कि मकर संक्रांति के अवसर पर इन पक्षियों को खुले आसमान में आजाद किया जा रहा है। ये वही पक्षी हैं जिन्हें सिटी के नक्खास इलाके से एसटीएफ ने छापेमारी करके पकड़ा था।

छोटे से पिंजड़े में बंद थे सैकड़ो पक्षी

जू निदेशक आर के सिंह ने बताया कि बीते 13 दिसम्बर को को वन विभाग और एसटीएफ की जॉइंट रेड में नखास पक्षी बाजार से छोटे से पिंजड़े में जबरन ठूसे गये 653 पक्षियों को जब्त किया गया था। वहां से इन्हें लखनऊ जू लाया गया था। इसके बाद से इन्हें ऑब्जरवेशन पर रखा गया था। जिन्हें न्यायालय के निर्देश के बाद खुले आसमान में छोड़ दिया गया। वहीं इनमें 35 तीतर और 137 बटेर को कुकरैल वन क्षेत्र में उनके अनुकूल परिस्थितयों में छोड़ा गया।

हरियाली और मुनिया को रोका गया

निदेशक आर के सिंह ने बताया कि 653 पक्षी जब्त किये गये थे, 577 पक्षियों को उड़ाया गया है। बाकी 76 चिड़ियों को रोक लिया गया है, जिसमें तीतर, बटेर, स्पेशल प्रजाति की हरियाली और मुनिया भी हैं। उन्हें आब्जर्वेशन में रखा गया है। वह खाना पीना कम खा रहीं हैं और सुस्त हैं। इसके अलावा यह लुप्तप्राय हैं इसलिए इन्हें जू में रखने पर विचार किया जा रहा है।सब कुछ ठीक रहा तो विशेष प्रजाति की हरियाली और मुनिया का नया आशियाना लखनऊ जू हो सकता है।

इन पक्षियों को मिला खुला आसमान

डायरेक्टर आर के सिंह ने बताया कि 35 तीतर, 137 बटेर, 2 सेलहरी, 1 महोक, 108 तोते, 21 टुईंयां, 1 फोड़वा, 9 हरियल, 1 बगुला, 1 जंगली कौआ, 4 गौरेया, 2 बया और 275 मुनिया चिड़ियों को आजाद किया गया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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