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हड़बड़ी में गड़बड़ी: बदला कैंडीडेट, टिकट वापसी और नाम पर कंफ्यूजन
आगरा/लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने हड़बड़ी में 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, लेकिन कुछ घंटे बाद ही उसमें गड़बड़ी भी सामने आने लगी। आलम ये है कि पार्टी दो के बाद अब तीन और प्रत्याशियों के टिकट वापसी पर विचार कर रही है। इसमें फिरोजाबाद से शमशाद, आगरा से विनोद सिकरवार और फतेहपुर-सीकरी से रामकुमार चाहर शामिल हैं।
क्या है कंफ्यूजन
फतेहपुर सीकरी सीट से राजकुमार चाहर को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन ये चाहर कौन हैं इसको लेकर बड़ा कंफ्यूजन है। वैसे तो एक राजकुमार चाहर नाम के एक नेता सपा में भी हैं, लेकिन उनका राजनीतिक कद इतना बड़ा नहीं है।
इसलिए समझा जा रहा है कि सपा ने बीजेपी नेता राजकुमार चाहर को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। खुद बीजेपी नेता राजकुमार चाहर हैरान हैं कि भला सपा ने उन्हें टिकट कैसे दे दी, जबकि उन्होंने तो पार्टी से टिकट मांगा ही नहीं। वो बीजेपी के सच्चे सिपाही हैं। ऐसे में जब बीजेपी से उन्हें टिकट मिलेगा तभी वो चुनाव लड़ेंगे।
-इस बीच बीजेपी नेता को बधाई देने वालों का तांता लग गया। वह सबको सफाई देते फिर रहे हैं।
कर दिया था टिकट लेने से इनकार
लगभग 1 घंटे सस्पेंस कायम रहने के बाद सपा नेता राजकुमार चाहर सामने आए। फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र के गांव मुरकियां के प्रधान राजवीर चाहर के बेटे राजकुमार चाहर पेशे से बिल्डर हैं साथ में फाइनेंस का काम भी करते हैं। राजकुमार चाहर ने बताया कि उन्होंने टिकट मांगा जरूर था, लेकिन 2 महीने पहले वो मना भी कर आये थे, लेकिन अब जब टिकट दिया गया है तो चुनाव जरूर लड़ेंगे।
उम्मीदवार बदला, टिकट वापसी
-सहारनपुर के विधानसभा क्षेत्र रामपुर मनिहार (सु०) से विश्वदयाल छोटन के स्थान पर अब विमला राकेश को उम्मीदवार बनाया गया है।
-मुजफ्फरनगर के विधानसभा क्षेत्र मीरपुर से घोषित उम्मीदवार शाहनवाज राणा ने टिकट वापस कर दिया है। वह बीएसपी से चुनाव लड़ेंगे।
-बताया गया है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में बाद में प्रत्याशी का नाम घोषित किया जाएगा।
रानी को नहीं मिला मौका
भदावर राजघराने की रानी पक्षालिका सिंह को सपा ने 2012 मे खेरागढ़ से टिकट दिया था। लेकिन 143 उम्मीदवारों की सूची में इस बार सपा ने रानी पक्षालिका सिंह की जगह विनोद सिंकरवार के नाम पर मुहर लगाई हैल जो यकीनन भदावर राजघराने के लिए चिंता की बात है। क्योंकि पिछले दिनों राजा भदावर महेंद्र अरिदमन सिंह को अपनी लाल बत्ती गवांनी पड़ गयी थी।
मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को टिकट में वरीयता
सपा ने विधानसभा चुनाव 2017 के लिए 143 प्रत्याशियों की घोषणा शुक्रवार को कर दी। इसमें मुस्लिमों और यादवों के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को खासी वरीयता दी गई है। साथ ही महिला, क्षत्रिय और ब्राह्मण प्रत्याशियों को टिकट देकर संतुलन करने का प्रयास किया है।
-घोषित प्रत्याशियों में 28 मुस्लिम हैं।
-यादव प्रत्याशियों की संख्या 18 है।
-महिला प्रत्याशी 13 और ब्राहमण प्रत्याशियों की संख्या 9 है।
सीपीए में सभी दलों के लोग जाते हैं
शिवपालप्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद एक सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा कि सीपीए में सभी दलों के लोग जाते हैं। स्पीकर के नेतृत्व में स्टडी टूर पर जाते हैं। इससे ये लोग कुछ सीखेंगे।
गवर्नर को अधिकार नहीं कौन मंत्री रहेगा और कौन नहीं
-गर्वनर राम नाईक की ओर से माता प्रसाद पांडे को भेजे गए पत्र के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल यादव ने कहा कि मुझे पत्र भेजने के बारे में जानकारी नहीं है।
-मंत्रिमंडल में कौन है और कौन नहीं रहेगा। यह अधिकार सीएम के पास है।
-गर्वनर का पद संवैधानिक है। वह संवैधानिक दायित्वों का ही पालन करें।
-उनके पास यह तय करने का अधिकार नहीं है कि मंत्रिमंडल में कौन रहेगा और कौन नहीं।
पर्लियामेंट्री बोर्ड और राष्ट्रीय नेतृत्व निर्णय लेगा
सिटिंग एमएलए वाली सीटों पर प्रत्याशी कब घोषित होंगे और इन सीटों पर क्या सीटिंग एमएलए को मौका दिया जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर शिवपाल यादव ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व और पार्टी का पर्लियामेंट्री बोर्ड निर्णय लेगा। प्रत्याशी बदलने के बारे में भी यही निर्णय लेंगे।
शेष सीटों पर भी प्रत्याशी जल्द घोषित करने की तैयारी
-सपा को 2012 के विधानसभा चुनावों में जिन 179 सीटों पर सफलता नहीं मिली थी, पार्टी ने उनमें से 143 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
-इनमें से शेष सीटों पर प्रत्याशी जल्द ही घोषित किए जा सकते हैं।
-सपा सूत्रों की मानें तो बाकि उम्मीदवारों की सूची सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पास आ चुकी है।
-पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने इसे अंतिम रूप दिया है।
समय रहते प्रत्याशियों का दम देखेगी सपा
सपा सूत्रों के मुताबिक किस सीट पर कौन सा प्रत्याशी उतारा जाएगा। जिसका फायदा पार्टी को आगामी चुनावों में मिले। इसको देखते हुए पिछले चुनाव में हाथ से छूटी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा पहले की जा रही है ताकि पार्टी चुनाव से पहले जमीनी स्तर पर समय रहते उनकी ताकत का आंकलन कर सके।