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एनबीआरआई में भर्ती का खेल, अधिकारी पद पर चहेते की नियुक्ति के लिए धांधली

एनबीआरआई में 21 मार्च को सीनियर टेक्निकल ऑफिसर के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए। इस पद का पे बैंड-15600 -39100 और ग्रेड पे 5400 है। सभी इच्छुक अभ्यर्थियों को 11 अप्रैल तक अपने आवेदन एनबीआरआई में जमा कर देने थे। नियमों के मुताबिक आवेदन जमा करने के लिए स्थानीय कैंडिडेट्स के लिए 30 दिन और बाहरी कैंडिडेट्स के लिए 45 दिनों का समय निश्चित होता है।

zafar
Published on: 17 Oct 2016 1:23 PM GMT
एनबीआरआई में भर्ती का खेल, अधिकारी पद पर चहेते की नियुक्ति के लिए धांधली
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एनबीआरआई में भर्ती का खेल, अधिकारी पद पर चहेते की नियुक्ति के लिए धांधली

लखनऊ: देश में वनस्पति विज्ञान की नई नई प्रजातियों को पहचान दिलाने में नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनबीआरआई) का काफी योगदान रहा है। अब तक इस संस्थान ने ढाई हज़ार से ज़्यादा नई प्रजातियों की पहचान दुनिया को कराई है। इतना ही नहीं, नित नए प्रयोग करके वनस्पति को बेहतर तरीके से उगाने और देश के विकास में योगदान देने के लिए एनबीआरआई को एक उत्कृष्ट संस्थान माना जाताहै। लेकिन इसी एनबीआरआई में नियुक्तियों के मामले में नियमों की जमकर अनदेखी हो रही है।

नियुक्ति में धांधली

-ये पूरा खेल तब से शुरू हुआ था जब वर्ष 2010 में तत्कालीन यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने तत्कालीन राज्यमंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पृथ्वीराज चौहान से सीएस नौटियाल को एनबीआरआई का निदेशक बनाने के लिए तगड़ा सिफारिशी पत्र लिखा था।

-आपको बता दे कि रीता बहुगुणा जोशी उत्तराखंड से हैं और सीएस नौटियाल भी उत्तराखंड से आते हैं।

-एनबीआरआई के निदेशक पद पर रहते हुए सीएस नौटियाल पर संस्थान के सेल परचेज में घोटाले के साथ अनियमितताओं के कई आरोप लगे।

-ताजा मामला एनबीआरआई में चीफ टेक्निकल ऑफिसर की नियुक्ति का है।

-Newstrack.com को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिसके आधार पर एनबीआरआई में इस पद के अलावा कई अन्य पदों पर भी नियुक्ति में धांधली की बात से इनकार नहीं किया जा सकता।

-इस पद पर पहले पूर्व निदेशक सीएस नौटियाल ने नियमों को दरकिनार करके अपने चहेते को खुद नियुक्त करना चाहा।

-जब बात नहीं बनी और वो रिटायर हो गए तो इस नियुक्ति को वर्तमान कार्यवाहक निदेशक डॉ डी के उप्रेती से करवाने का प्रयास किया।

नियमों की अनदेखी

-एनबीआरआई के सूत्रों ने बताया कि संस्थान के वर्तमान डायरेक्टर सीनियर टेक्निकल ऑफिसर के पद पर अपनी पसंद के एक नॉन पीएचडी कैंडिडेट को पोस्टिंग देना चाहते हैं।

-इसके लिए उन्होंने नियमों में एक खास तरह की जल्दबाजी दिखाई है।

गड़बड़ी नंबर 1

-एनबीआरआई में 21 मार्च को सीनियर टेक्निकल ऑफिसर के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए।

-इस पद का पे बैंड-15600 -39100 और ग्रेड पे 5400 है। सभी इच्छुक अभ्यर्थियों को 11 अप्रैल तक अपने आवेदन एनबीआरआई में जमा कर देने थे।

-सीएसआईआर गाईड लाइन्स और नियमों के मुताबिक आवेदन पत्र जमा करने के लिए कैंडिडेट्स को पर्याप्त समय नहीं दिया गया।

-नियमों के मुताबिक आवेदन जमा करने के लिए स्थानीय कैंडिडेट्स के लिए 30 दिन और बाहरी कैंडिडेट्स के लिए 45 दिनों का समय निश्चित होता है।

-जबकि इस मामले में केवल 23 दिनों में ही आवेदन मांगे गए। इसके अलावा इंटरव्यू में भी न्यूनतम मानक से कम कैंडिडेट्स को शामिल किया गया।

गड़बड़ी नंबर 2

-एनबीआरआई के सीनियर टेक्नीशियन ऑफिसर के पद पर 107 लोगों ने अप्लाई किया।

-लेकिन 10 मई 2016 को जब इंटरव्यू के लिए बुलाये जाने वाले कैंडिडेट्स की लिस्ट निकली तो सिर्फ दो व्यक्तियों को ही इसके लिए पात्र समझा गया।

-इसमें शैख़ वाजिद पाशा और उमा सिंह का नाम शामिल था।

-इंटरव्यू में न्यूनतम मानक का भी ध्यान नहीं रखा गया।

-इससे साफ़ जाहिर होता है कि नियुक्ति करने वाले अधिकारी किसी चहेते को नियुक्त करने का पूरा मन बना चुके थे।

गड़बड़ी नंबर 3

-इस पूरी चयन प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत सतर्कता आयोग, सीबीआई, प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई एजेंसियो को की गई।

-इसमें सीएसआईआर विजिलेंस हेडक्वार्टर को सतर्कता आयोग द्वारा जांच के लिए भी कह दिया गया है।

-ये मामला सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में भी लंबित है और इसकी अगली सुनवाई 8 नवम्बर 2016 को होनी है।

-इसके बावजूद सीनियर टेक्निकल ऑफिसर के पद पर भर्ती के लिए चयन समिति की बैठक 7 अक्टूबर 2016 को बुलाई जानी प्रस्तावित की गई।

-बाद में मामला उठता देखकर इसको किन्ही कारणों से टाल दिया गया।

पूर्व निदेशक भी करना चाहते थे नियुक्ति

-एनबीआरआई के सूत्रों ने बताया कि यहां के पूर्व निदेशक अपनी सेवानिवृत्ति से पूर्व ये नियुक्ति करना चाहते थे।

-लेकिन कुछ लोगों ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में कर दी और इसपर रोक लगा दी गई थी।

-इसके बाद 31 मई 2016 को वह सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद उन्होंने इस नियुक्ति का जिम्मा अपने चहेते वर्तमान कार्यकारी निदेशक को सौंप दिया, जो इस काम को अंजाम देने में लगे है।

-वरना क्या कारण है कि सीएसआईआर, विजिलेंस हेडक्वार्टर और सेंट्रल एडमिनिसट्रेटिव ट्रिब्यूनल में मामला लंबित होने के बावजूद इस पद पर चयन समिति की बैठक बुलाए जाने की कोशिश की गई।

-जबकि इनके चहेते कैंडिडेट की योग्यता और खुद इनपर भी सेल परचेज से लेकर अनियमित नियुक्तियों के गंभीर आरोप लग चुके हैं।

पूर्व निदेशक की नियुक्ति में कांग्रेसी लीडर की पैरवी

-एनबीआरआई के सूत्रों ने बताया कि इस जैसी संस्था को राजनीति से दूर रखना चाहिए। लेकिन गबन और अनियमित नियुक्तियों के आरोपों से घिरे इसके पूर्व निदेशक सी एस नौटियाल को इस संस्था का डायरेक्टर बनाने के लिए यूपी कांग्रेस की एक बड़ी नेता ने तत्कालीन मंत्री साइंस एंड टेक्नोलॉजी से इनकी पैरवी की थी।

-Newstrack.com के पास इस संबंध में उस वरिष्ठ नेता का पत्र भी मौजूद है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'I strongly recommend his selection as Director NBRI, Lucknow'.

कार्यवाहक डायरेक्टर बोले- भाई नियम से हो रहा था काम

-इस पूरे मामले में जब एनबीआरआई के कार्यवाहक निदेशक डॉ डी के उप्रेती से बात की, तो उन्होंने पहले कहा कि सब काम नियम से हो रहा था।

-इसके बाद जब Newstrack.com ने सारे प्रमाणों के आधार पर बात रखी तो वह बोले कि हम इस भर्ती प्रक्रिया को फिर से दिखवा रहे हैं।

आगे स्लाइड्स में देखिए कुछ और दस्तावेज के फोटोज...

एनबीआरआई में भर्ती का खेल, अधिकारी पद पर चहेते की नियुक्ति के लिए धांधली

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