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राष्ट्रीय किसान मंच ने अन्ना को लिखा पत्र, चुप्पी पर दागे सवाल
राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने समाजसेवी अन्ना हजारे को पत्र लिख कर प्रश्नों की बौछा कर दिया है।शेखर दीक्षित ने समाजसेवी अन्ना हजारे को ओपेन लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार को लेकर उन की चुप्पी पर सवाल उठाये हैं। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि आज किसान सर्वाधिक दुखी है।कृषि संकट में है।युवा बेरोज़गार घूम रहा है।सीमा पर रोज़
लखनऊ: राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने समाजसेवी अन्ना हजारे को पत्र लिख कर प्रश्नों की बौछार कर दिया है।शेखर दीक्षित ने समाजसेवी अन्ना हजारे को ओपेन लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार को लेकर उन की चुप्पी पर सवाल उठाये हैं। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि आज किसान सर्वाधिक दुखी है।कृषि संकट में है।युवा बेरोज़गार घूम रहा है।सीमा पर रोज़ सैनिक शहीद हो रहे हैं।किसान रोज़ आत्महत्या कर रहे हैं।नोटबंदी व जीएसटी के दुष्प्रभाव से व्यापार -व्यवसाय चौपट है। महँगाई चरम पर है। चारों और भ्रष्टाचार का बोल बाला है। देश बेहद नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है। इसके बावजूद भी अन्ना हजारे 4 साल से मोदी सरकार के खिलाफ चुप है।
शेखर दीक्षित की ओर से अन्ना हजारे को लिखे गए ओपेन लेटर में पूछा गया है कि मोदी सरकार को सत्ता में आये 4 वर्ष होने जा रहे है इन 4 वर्षों में देश को सपने तो अच्छे दिन के दिखाये गये थे लेकिन देश बेहद बुरे दिन देख रहा है।आजतक ना तो एक मज़बूत लोकपाल, लोकायुक्त बन पाया और ना ही देश भ्रष्टाचार मुक्त बन पाया।
नोटबंदी व जीएसटी के दुशप्रभाव से व्यापार -व्यवसाय चौपट है।महँगाई चरम पर है,चारों और भ्रष्टाचार का बोल बाला है,देश बेहद नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है और आप व आपकी कांग्रेस के समय मुखर रहने वाली टीम को पिछले 4 वर्षों से ढूँढ रहा है।
राष्ट्रीय किसान मंच ने अन्ना को लिखा पत्र, चुप्पी पर दागे सवाल
हाल ही में आपने पूर्व की तरह एक बार फिर लोकपाल , किसानो की समस्या , चुनाव सुधार को लेकर 23 मार्च से सत्याग्रह की घोषणा की है।आपका ये आंदोलन भी सरकार के आख़री वर्ष में सिर्फ़ दिखावटी व मोदी सरकार के साथ मिलकर साँठगाँठ वाला प्रतीत हो रहा है।जैसाअभियान आपने कांग्रेस सरकार के समय छेड़ा था , वो आप अब क्यों नहीं छेड़ रहे है?
इन 4 वर्षों में आप सिर्फ़ पत्र लिखने तक ही सीमित क्यों रहे ? इस सरकार की वास्तविकता व ज़मीनी हक़ीक़त को लेकर आप जनता के बीच क्यों नहीं गये ? आपने लोकपाल को लेकर इतना इंतज़ार क्यों किया ? आपकी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई , इन 4 वर्षों में देखने को क्यों नहीं मिली ? जीएसटी -नोटबंदी से देश जूझ रहा है , आप उनके साथ खड़े क्यों नहीं हुए ?
शेखर दीक्षित ने कहा कि मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे आग्रह करते हुए, चेतावनी भी दे रहा हूँ कि आपने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ इस आखिरी वर्ष में आर -पार की लड़ाई के बजाय, दिखावटी व साँठगाँठ वाली मुहिम छेड़ी तो मैं अपने सैकड़ों साथियों के साथ आपके गाँव रालेगण सिद्धि में आपके निवास के सामने अनशन पर बैठ जाऊँगा,और आपकी व आपकी टीम की वास्तविकता से पूरे देशवासियों को अवगत कराऊँगा।