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सात हजार मकान तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू, संतों ने किया प्रदर्शन, सरकार पर जड़े आरोप
गुस्साए साधु संतों समेत सैकडों लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। संत देवानंद दास महाराज ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर आश्रम तोड़ने और हिंदू हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
मथुरा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के आदेश पर गोवर्धन कस्बे में ध्वस्तीकरण को लेकर साधु संतों में आक्रोश है। करीब 7 हजार मकानों को तोड़े जाने की कार्रवाई के खिलाफ साधु संतों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किय़ा। विरोध प्रदर्शन करने वालों ने उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की है, जो रजिस्ट्री समेत अन्य औपचारिकताओं की मंजूरी में शामिल रहे हैं। साधु-संतों ने मुख्यमंत्री योगी से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
आक्रोशित संत
मथुरा के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल गोवर्धन गिरिराज धाम को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया गया है।
पिछले वर्ष ग्रीन ट्रिब्युनल में दी गई एक याचिका में कहा गया था कि गिरिराज पर्वत हरित पट्टी में है, लेकिन लोग परिक्रमा मार्ग पर हरे पेडों का कटान कर निमार्ण करा रहे हैं।
ट्रिब्युनल ने निरीक्षण के बाद कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में अवैध निर्माण में जिला प्रशासन के शामिल होने की आशंका जताई थी।
इसके बाद भी प्रशासन ने भवन स्वामियों या बिल्डर्स पर कोई कार्रवाई नहीं की।
आखिरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने सख्त रुख अपनाया और कोर्ट से जिला प्रशासन पर तलवार लटकने लगी।
तलवार लटकते ही प्रशासन ने अपने बचाव में मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया।
प्रशासनिक कार्रवाई
प्राधिकरण अधिकारियों ने गिरिराज धाम के राधाकुंड परिक्रमा मार्ग पर बुलडोजर चला कर मकान गिरा दिये।
इससे गुस्साए साधु संतों समेत सैकडों लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
संत देवानंद दास महाराज ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर आश्रम तोड़ने और हिंदू हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
बेघर हुए परिवारों का आरोप है कि उजड़ जाने के बाद वे आत्महत्या की स्थित में हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई से हताश मकान स्वामियों ने स्थानीय विधायक से लेकर सरकार तक न्याय की गुहार लगाई है।
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