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राष्ट्रीय लोक अदालत : लगभग दस हजार वादों का एक ही दिन में निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायालय लखनऊ में चेक बाउन्स केसेज, बैक रिकवरी केसेज, अपराधिक शमनीय वाद, वैवाहिक वाद, मोटर एक्सीडेंट क्लेम पिटीशन वाद, किरायेदारी वाद, सुखाधिकार, व्यादेश, उत्तराधिकार आदि दीवानी वादों का भी निस्तारण किया गया।
लखनऊ: जनपद न्यायाधीश लखनऊ अनिल कुमार ओझा की अध्यक्षता एवं मार्गदर्शन में आज 8 फरवरी को जनपद न्यायालय लखनऊ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद न्यायाधीश द्वारा सिविल कोर्ट परिसर का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत पर बड़ी संख्या में वादकारियों ने अपने मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए गर्मजोशी से हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायालय लखनऊ में चेक बाउन्स केसेज, बैक रिकवरी केसेज, अपराधिक शमनीय वाद, वैवाहिक वाद, मोटर एक्सीडेंट क्लेम पिटीशन वाद, किरायेदारी वाद, सुखाधिकार, व्यादेश, उत्तराधिकार आदि दीवानी वादों का भी निस्तारण किया गया।
फौजदारी के 7727 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें पैंतीस लाख चौंतीस हजार एक सौ चौसठ जुर्माने के रूप में प्राप्त किये गये। मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 101 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें पक्षकारों को चार करोड़ इक्यानवे लाख बावन हजार एक सौ पैंसठ की धनराशि प्रतिकर के रूप में दिलायी गयी। 61 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया। सिविल व उत्तराधिकार के कुल एक करोड़ उन्यासी लाख चौरानबे हजार छह सौ तैंतीस की धनराशि के 143 मामलों का निस्तारण किया गया। 138 एनआईएक्ट चेक बाउन्स के 550 वादों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार लोक अदालत में कुल 8582 न्यायालयों में लम्बित वादों का निस्तारण किया गया।
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इसके अतिरिक्त बैंक वसूली व फाइनेन्स के प्री-लिटिगेशन स्तर पर 1396 वादों का जनपद न्यायालय में निस्तारण किया गया, जिनकी समझौता राशि तीन करोड़ उन्तालीस लाख तिरसठ हजार चौंतीस रुपये सम्बन्धित पक्षकारों को दिलायी गयी।
इस प्रकार जनपद लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आज 8 फरवरी 2020 को कुल 9978 मुकदमों का निस्तारण किया गया तथा बीस करोड़ छियासी लाख सत्ताईस हजार तीन सौ ग्यारह रुपये की धनराशि सम्बन्धित पक्षकारों को दिलायी गयी।