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Lucknow News: राष्ट्रीय हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष को मिली जान से मारने की धमकी
Lucknow News: धर्मेंद्र शुक्ला की ओर से गोमतीनगर विस्तार थाने में शिकायत की गई है। अपनी शिकायत में धर्मेंद्र शुक्ला ने बताया है कि 11 फरवरी को रात 9:38 मिनट पर एक अज्ञात नंबर से उनके मोबाइल फोन पर फोन आया।
Lucknow News: हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र शुक्ला को अज्ञात फोन नंबर से जान से मारने की धमकी मिली है। धर्मेंद्र शुक्ला की ओर से गोमतीनगर विस्तार थाने में शिकायत की गई है। अपनी शिकायत में धर्मेंद्र शुक्ला ने बताया है कि 11 फरवरी को रात 9:38 मिनट पर एक अज्ञात नंबर से उनके मोबाइल फोन पर फोन आया। जिस पर उनका सर कलम करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। अपनी शिकायत में धर्मेंद्र शुक्ला ने बताया है कि वह हिंदू संगठन का संचालन करते हैं विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व न्यूज़ चैनल पर समाज से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं। हिंदू संगठन से जुड़े हुए हैं लिहाजा उनके कई दुश्मन भी हैं ऐसे में उनको दी गई धमकी का संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की जाए।
दिया बयान
राष्ट्रीय हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र ने इस संदर्भ में बयान जारी करते हुए बताया कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। जिसके बाद गोमती नगर विस्तार थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। धर्मेंद्र ने बताया कि जिस तरह से देश में माहौल है हिंदू की आवाज उठाने वालों के ऊपर खतरा बना हुआ है। ऐसे में सरकार को हमारे जैसे लोगों की सुरक्षा के बारे में ध्यान देना चाहिए। अपने बयान में धर्मेंद्र ने कहा कि पुलिस ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
कमलेश तिवारी की गला रेत कर हुई थी घटना
जहां एक ओर राष्ट्रीय हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र शुक्ला को जान से मारने की धमकी दी गई है। वहीं इससे पहले राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी का अपराधियों ने गला रेत कर हत्या कर दी थी। गुजरात से लखनऊ पहुंचे आरोपियों ने कमलेश तिवारी के कार्यालय पर पहुंचकर पहले तो उसे गोली मारी फिर मिठाई के डिब्बे में छिपाकर लाए गए चाकू से उसका गला रेत दिया। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए लगभग एक दर्जन लोगों के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की है। मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कमलेश तिवारी की हत्या करने के बाद आरोपी नेपाल बॉर्डर पर भाग गए थे जहां पर एटीएस ने उनकी गिरफ्तारी की थी। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया गया था साथ ही एसटीएफ व एटीएस जैसी एजेंसियों ने भी आरोपियों को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।