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आरक्षण समर्थक छात्रों की संसद 8 को, BBAU के निष्कासन पर होगा हल्ला बोल

देश में पहली ऐसी आरक्षण समर्थक छात्र संसद होगी, जिसमें बीबीएयू एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान होगा।​ इस छात्र संसद में बीबीएयू प्रशासन और कुलपति के खिलाफ हल्ला बोला जायेगा और एक बड़े आन्दोलन का ब्लूप्रिंट भी तैयार किया जाएगा।

zafar
Published on: 1 Oct 2016 7:17 PM IST
आरक्षण समर्थक छात्रों की संसद 8 को, BBAU के निष्कासन पर होगा हल्ला बोल
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students parliament-bbau issue

लखनऊ: राष्ट्रीय आरक्षण समर्थक छात्र संसद का आयोजन 8 अक्टूबर को राजधानी लखनऊ में होगा। इस छात्र संसद का आयोजन बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 8 दलित छात्रों को यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा निष्कासित किये जाने के विरोध में हो रहा है। छात्र संसद में देश के सभी विश्वविद्यालयों के आरक्षण समर्थक छात्र शामिल होंगे।

छात्रों का हल्ला बोल

-यह छात्र संसद देश में पहली ऐसी आरक्षण समर्थक छात्र संसद होगी, जिसमें बीबीएयू एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान होगा।

-इस छात्र संसद में बीबीएयू प्रशासन और कुलपति के खिलाफ हल्ला बोला जायेगा और एक बड़े आन्दोलन का ब्लूप्रिंट भी तैयार किया जाएगा।

-छात्र संसद में बीबीएयू के साथ साथ हैदराबाद यूनिवर्सिटी, जेएनयू, बीएचयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, लखनऊ यूनिवर्सिटी, वर्धा यूनिवर्सिटी, अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, टाटा इंस्टिट्यूट मुंबई सहित कई शिक्षण संस्थानों के स्टूडेंट्स शामिल होंगे।

8 दलित छात्रों के निष्कासन का मुद्दा

-छात्र संसद के आयोजक श्रेयत बौद्ध ने बताया कि बीते दिनों बीबीएयू के प्रोफेसर कमल जयसवाल पर हमले के आरोप में 8 दलित छात्रों को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया था।

-इसके विरोध में कई बार स्टूडेंट्स ने कुलपति प्रोफेसर आरसी सोबती को अपनी बेगुनाही का प्रमाण दिया।

-इसके बाद कुलपति ने एक 8 सदस्यीय कमिटी से जांच करवाई।

-कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा कि सीधे तौर पर कोई भी छात्र दोषी नहीं प्रतीत हो रहा है, इसकी बाहरी एजेन्सी से जांच कराना उचित होगा।

-ऐसे में इस रिपोर्ट के आधार पर निष्कासित छात्रों को दोबारा यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिलना चाहिए। पर ऐसा नहीं हुआ।

कुलपति पर मनमानी का आरोप

-कुलपति ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड से एक अन्य जांच करवाकर मनमाने तरीके से 3 छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया।

-ऐसे में सवाल यह उठता है कि 7 सितंबर को अगर प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने 8 छात्रों को दोषी पाया तो लगभग 24 दिन बाद केवल 3 छात्र ही कैसे दोषमुक्त हो गए।

-इससे साफ़ पता चलता है कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड अपनी मनमानी कर रहा है।

-इसी मामले पर सारे स्टूडेंट्स को न्याय दिलाने के लिए छात्र संसद का आयोजन किया जा रहा है।

बेहाल हैं छात्र

-निष्कासित छात्र अजय ने कहा कि वाईस चांसलर के मनमाने रवैये से पिछले 25 दिनों से छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।

-यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को इस बात की चिंता नहीं कि पिछले 25 दिनों से छात्र हास्टल से बाहर हैं, वे क्या खा रहे हैं, क्या पहन रहे हैं।

वाईस चांसलर करेंगे वार्ता

-बीबीएयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर आरसी सोबती ने बताया कि स्टूडेंट्स का निष्कासन जांच के आधार पर किया गया था।

-हम स्टूडेंट्स के भविष्य को ध्यान में रखकर उनसे बातचीत करके कोई रास्ता निकलने का प्रयास करेंगे, लेकिन निष्कासित छात्रों का रवैया गलत है।

आगे स्लाइड्स में देखिए कुछ और फोटोज...

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