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रासायनिक खेती विदेशी षडयंत्र, प्राकृतिक खेती ईश्वर की सेवा: पालेकर

डॉ भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में लोकभारती के तत्वावधान में आयोजित शून्य लागत प्राकृतिक कृषि शिविर के दूसरे दिन कृषि ऋषि पदमश्री सुभाष पालेकर ने

Anoop Ojha
Published on: 21 Dec 2017 5:18 PM GMT
रासायनिक खेती विदेशी षडयंत्र, प्राकृतिक खेती ईश्वर की सेवा: पालेकर
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रासायनिक खेती विदेशी षडयंत्र, प्राकृतिक खेती ईश्वर की सेवा: पालेकर

लखनऊ: डॉ भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में लोकभारती के तत्वावधान में आयोजित शून्य लागत प्राकृतिक कृषि शिविर के दूसरे दिन कृषि ऋषि पदमश्री सुभाष पालेकर ने कहा कि प्राकृतिक कृषि ईश्वर की सेवा है दुनिया में सबसे पहले प्रकृति बनी उसके बाद मानव का विकास हुआ मनुष्य ने भगवान को देखा तो नहीं है लेकिन हर पल महसूस किया है। जैसे हम हवा को नहीं देख पाते लेकिन उसे सदा महसूस करते हैं। ऐसे ही ईश्वर भी है।

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पालेकर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की प्रकृति में जो भी फसलें या पेड़ पौधे हैं सभी इस अन्नपूर्णा धरती से अपने विकास के लिए जो भी लेते हैं उसे वापस भी करते हैं ।कहने का आशय यह है कि प्रकृति के सभी तत्व जिस रुप में पेड़ पौधों से लिए जाते हैं फसल पकने के बाद वह वापस प्रकृति को वापस हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर कोई पौधा धरती से नाइट्रोजन लेता है तो वह अपना भोजन बनाने के बाद फसल के पकने के बाद अवशेष के माध्यम से नाइट्रोजन वापस कर देता है। यही क्रिया हर तत्व के साथ होती है।

मिट्टी की जांच एक धोखाधड़ी

श्री पालेकर ने कहा की मिट्टी की जांच एक धोखाधड़ी है हम जमीन में जितना गहराई में जाते हैं खाद्य पदार्थों की मात्रा निरंतर बढ़ती जाती है। हमारे वैज्ञानिक चयन समिति की जांच कर खाद डालने की बात करते हैं जबकि जमीन के नीचे भंडार भरा पड़ा है यही कारण है की प्राकृतिक आध्यात्मिक खेती करना ईश्वर की सेवा है क्योंकि प्रकृति​ ही ईश्वर है ।

रासायनिक एवं जैविक खेती एक विदेशी षड्यंत्र

इस कार्यशाला में लगभग 15 सौ से अधिक किसान भाग ले रहे हैं जिसमें नेपाल बांग्लादेश के भी किसान प्रशिक्षण ले रहे हैं। श्री पालेकर ने कहा यह हर्ष का विषय है कि युवा इस प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे हैं। रासायनिक एवं जैविक खेती एक विदेशी षड्यंत्र यह लूटने की व्यवस्था है शिविर में कल देसी गाय के प्राकृतिक खेती में योगदान तथा महत्व पर बताया जाएगा।

20 दिसंबर से शिविर में देशभर से लगभग 1500 से अधिक गौपालक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें है।

किसानों को छह दिन के शिविर में मिलने वाले गुर

-शिविर के पहले दिन किसानों को समस्या से परिचित कराते हुए समाधान मिलेगा।

-दूसरे दिन भूमि को बलवान बनाने का तरीका सिखाया जाएगा।

-तीसरे दिन फसल बलवान करने के लिए जल, भूमि और पर्यावरण के इस्तेमाल के गुर सिखाये जाएंगे।

-चौथे दिन केचुएं के निर्माण और बिजली व पानी की बचत बताई जाएगी।

-पांचवे दिन फसल सुरक्षा के मानक दिए जाएंगे।

-छठे दिन बिक्री व्यवस्था के हथियार सिखाए जाएंगे, जिसमें निर्माता सीधे उपभोक्ता से जुड़ सकेगा और लाभ कमा सकेगा।

शिविर में लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह कार्यक्रम समन्वयक गोपाल उपाध्याय तथा संपर्क प्रमुख श्री कृष्ण चौधरी, कैप्टन सुभाष ओझा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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