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मंगल ही मंगल: NBRI रिसर्च स्कॉलर्स ने बांटे पौधे, चुभती गर्मी में मिली संजीवनी बूटी
संजीवनी बूटी के जरिए पवनसुत हनुमान ने भगवान राम के भाई लक्ष्मण के प्राण बचाए। सोचिए! अगर उस समय पेड़ ना होते तो क्या हनुमान लक्ष्मण के प्राण बचा पाते।
बड़ा मंगल पर पौधे बांटती NBRI रिसर्च स्कॉलर मीनाक्षी कुशवाहा
लखनऊ: संजीवनी बूटी के जरिए पवनसुत हनुमान ने भगवान राम के भाई लक्ष्मण के प्राण बचाए। सोचिए! अगर उस समय पेड़ ना होते तो क्या हनुमान लक्ष्मण के प्राण बचा पाते। शायद नहीं! ग्लोबल वार्मिंग के प्रकोप से पूरी दुनिया त्रस्त है। पानी का दोहन और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से आने वाली पीढ़ी का भविष्य अधर में है।
प्रेरणादायक पहल
इसी को देखते हुए एनबीआरआई के युवा रिसर्च स्कॉलर्स ने बड़े मंगल (06 जून) को एक प्रेरणादायक पहल की। एनबीआरआई के रिसर्च स्कॉलर्स ने बड़े मंगल पर प्रसाद के साथ पेड़-पौधे बांटकर पर्यावरण को बचने की बेहतरीन पहल की।
आने वाली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे ?
एनबीआरआई के स्कॉलर्स का कहना है कि अगर आज हम पेड़-पौधे और पानी नहीं बचाएंगे तो हम आने वाली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि एक पेड़ कई लोगों के लिए जीवनदायिनी होता है। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर पर्यावरण को संतुलित किया जा सकता है। इससे ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव से भी बचा सकता है।
पेड़-पौधे और पानी बचाने की अपील
एनबीआरआई के रिसर्च स्कॉलर्स ने सभी को पौधे भेंट कर उनकी केयर करने को कहा और साथ ही यह भी अपील की कि वह भी और लोगों से पानी बचाने और पेड़ लगाने के लिए कहें। पेड़ ही इस दुनिया के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संजीवनी बूटी हैं।
ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर रिसर्च स्कॉलर मिनाक्षी कुशवाहा, आशीष प्रवीण, नैना मारवा, तृप्ति मिश्रा, सोनाली मेहरोत्रा, सुनील गुप्ता, निष्ठा मिश्रा, आशुतोष कुमार सिंह, अपूर्व राय, मितुल कौटेजा, यशपाल योगेश्वर, विजय दीक्षित और सत्येंद्र कुमार समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
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बड़ा मंगल पर पौधे बांटते NBRI रिसर्च स्कॉलर्स आशुतोष, अपूर्व, सतेंद्र, आशीष, सुनील, विजय, मितुल, स्वप्निल
NBRI रिसर्च स्कॉलर्स नैना, सोनाली, निष्ठा, सुरभि, तृप्ति और प्रतीक्षा
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